कोच्चि। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने के लिए सरकार उर्वरक, सीमेंट और स्टील समेत वस्तुओं के परिवहन के लिए जलमार्गों का उपयोग करेगी। कार परिवहन करने वाला पोत एमवी द्रेसदान 500 कारों के साथ कोचीन बंदरगाह पर पहुंचने पर उन्होंने इसकी सराहना की। इसमें तमिलनाडु के प्रमुख कार उत्पादन केन्द्रों से कारें यहां पहुंचाई गई। गडकरी ने कहा कि यह सफल अनुभव है और इस जलमार्गों के प्रभावी उपयोग से देश में जल परिवहन को गति देने में मदद मिलेगी।
गडकरी ने कहा कि जलमार्गों के जरिए वस्तुओं के परिवहन की लागत 20 पैसे प्रति किलोमीटर है जबकि सड़क एवं रेलवे के जरिए यह क्रमश: 1.5 रुपए प्रति किलोमीटर और 1.0 रुपए है। आगे उन्होंने कहा कि देश में लॉजिस्टिक लागत 18 फीसदी है जो कि चीन की (8-10 फीसदी), जापान (10 से 12 फीसदी) और यूरोपीय संघ में (8 से 12 फीसदी) से अधिक है।
सीमेंट और स्टील समेत अन्य सामान की होगी ढुलाई
- गडकरी ने कहा, हम उर्वरक, सीमेंट और स्टील समेत सामान की ढुलाई जलमार्ग के जरिए कर सकते हैं और यह काफी सफल प्रयोग हो सकता है।
- मारुति कारों की ढुलाई वाराणसी से असम जलमार्ग के जरिये हुआ है।
- इससे प्रति कार लागत 3,000 से 4,000 रुपए कम हो सकती है क्योंकि परिवहन लागत काफी कम था।
- कारों की ढुलाई करने वाला साइप्रस पंजीकृत पोत यहां पहुंचा।
- पोत ने भारत में बंदरगाहों के बीच ढुलाई का लाइसेंस हासिल किया है।
- कंपनी को एन्नोर-कोचीन-कांडला और वापस कोचीन-एन्नोर का मार्ग मिला है।
- इसके जरिए वह तमिलनाडु में पूर्वी तट और पश्चिमी तट में गुजरात और हरियाणा के उत्पादन केन्द्रों से जुड़ा है।
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