नई दिल्ली। कम कीमत पर जेनेरिक दवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार देश भर में 3,000 जन औषधि स्टोर खोलेगी। दूसरी ओर अधिक रिटर्न का लालच देकर गरीब लोगों की मेहनत की कमाई हड़पने वाली पोंजी स्कीमों पर भी सरकार लगाम कसेगी।
बजट 2016-17 पेश करते हुए मंत्री ने कहा, कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता वाली दवाओं का उत्पादन चुनौती रहा है। हम जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति में तेजी लाएंगे। वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान प्रधानमंत्री की जन औषधि योजना के तहत 3,000 स्टोर खोले जाएंगे। जन औषधि योजना 2008 में शुरू हुई थी, जिसका लक्ष्य है सभी के लिए, विशेष तौर पर गरीब और वंचित वर्ग के लिए, जन औषधि स्टोर के जरिये अच्छी गुणवत्ता वाली दवाएं कम कीमत पर उपलब्ध कराना। इस योजना का लक्ष्य है बिना ब्रांड वाली जेनेरिक दवाओं के उपयोग को लोकप्रिय बनाना ताकि आम आदमी के लिए वास्तविक व्यय कम किया जा सके और स्वास्थ्य सेवा सस्ती और सुरक्षित बनाई जा सके।
पोंजी योजनाओं पर अंकुश के लिए बनेगा कड़ा कानून
सामूहिक जमा वाली पोंजी योजनाओं के खतरे से निपटने के लिए सरकार ने आज व्यापक केंद्रीय कानून बनाने का प्रस्ताव किया ताकि जनता को अवैध रूप से धन जमा कराने वाली योजनाओं के धोखे से बचाया जा सके। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, पिछले दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में गैरकानूनी जमा वाली योजनाओं की धोखाधड़ी में लोगों के फंसने की घटनाएं बढ़ी हैं। इन योजनाओं के सबसे बड़े शिकार गरीब और वित्तीय जानकारी न रखने वाले लोग हैं। ऐसी योजनाओं का परिचालन अक्सर कई राज्यों में फैला होता है।
इसलिए एक व्यापक केंद्रीय कानून लाने का प्रस्ताव किया गया है ताकि ऐसी योजनाओं के खतरे से निपटा जा सके। फिलहाल इस प्रकार की सामूहिक निवेश योजना का नियमन सेबी करती है और ऐसे मामलों की जांच करती है, जिनमें किसी ऐसी कंपनी ने निवेशकों से गैरकानूनी तरीके से 100 करोड़ रुपए से अधिक राशि जुटाई, जो बाजार नियामक के पास पंजीकृत नहीं है।
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