नई दिल्ली। भविष्य में बिजली की कीमतों में गिरावट आएगी। ऐसा केंद्र सरकार द्वारा जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत 5,000 मेगावाट ग्रिड से जुड़ी सौर बिजली प्रोजेक्ट की स्थापना और उन्हें व्यावहारिक बनाए रखने के लिए वित्तीय सहायता के रूप में 5,050 करोड़ रुपए की राशि दिए जाने की मंजूरी से होगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने बुधवार को 5,000 मेगावाट की ग्रिड से जुड़ी सौर पीवी बिजली प्रोजेक्टों को मंजूरी दी है। इन प्रोजेक्ट को बिल्ट, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) आधार पर मंजूरी दी गई है। बैठक के बाद बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सौर ऊर्जा कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए 5,000 मेगावाट क्षमता की स्थापना के लिए 5,050 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान करने की योजना को मंजूरी दी गई है। उन्होंने आगे बताया कि यह वित्तीय समर्थन प्रोजेक्ट पर उल्टी बोली के जरिये प्रदान किया जाएगा। जो भी इस तरह की सबसे कम वित्तपोषण की बोली लगाएगा, वही जीतेगा। इस फंड का एक हिस्सा घरेलू मॉड्यूल्स के लिए होगा। इन कंपनियों को प्रति मेगावाट 1.25 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। वहीं अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के जरिये आने वाली कंपनियों को एक करोड़ रुपए प्रति मेगावाट की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
गोयल ने उम्मीद जताई कि वित्तीय सहायता की उल्टी बोली नीलामी से भविष्य में बिजली की दरों में कमी लाने में मदद मिलेगी। बयान के अनुसार इसे सोलर पावर डेवलपर्स द्वारा वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के साथ जेएनएनएसएम के चरण दो के बैच चार के तहत क्रियान्वित किया जाएगा। इस योजना के तहत कुल निवेश 30,000 करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है।
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