रिकॉर्ड स्तर पर गेहूं की सरकारी खरीद, किसानों को 73,500 करोड़ रुपये का भुगतान
मध्य प्रदेश देश के केंद्रीय अन्न भंडार में सबसे अधिक गेहूं देने वाला राज्य बना
नई दिल्ली। सरकार ने 2020-21 के विपणन वर्ष में अभी तक 3.82 करोड़ टन गेहूं खरीदा है, जो एक रिकॉर्ड है। इसके साथ ही पंजाब को पीछे छोड़कर मध्य प्रदेश देश के केंद्रीय अन्न भंडार में सबसे अधिक गेहूं देने वाला राज्य बन गया है। खाद्य मंत्रालय के बयान के अनुसार सरकारी खरीद से पूरे भारत में 42 लाख किसानों को फायदा पहुंचा है और उन्हें गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में लगभग 73,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। गेहूं खरीद का पिछला रिकॉर्ड 2012-13 में 3.81 करोड़ टन का था। गेहूं की खरीद 2019-20 के विपणन वर्ष में 3.41 करोड़ टन थी। गेहूं का विपणन वर्ष अप्रैल से मार्च तक चलता है, हालांकि अधिकांश खरीद पहले तीन महीनों में की जाती है।
चालू वर्ष के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 4.07 करोड़ टन तय किया गया है। केंद्रीय संगठन भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियां एमएसपी पर गेहूं खरीदती हैं। खाद्य मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय भंडार में मध्य प्रदेश ने 1.29 करोड़ टन का योगदान किया, जो सबसे अधिक है। पंजाब ने 1.27 करोड़ टन का योगदान किया। इसके अलावा हरियाणा (74 लाख टन), उत्तर प्रदेश (32 लाख टन) और राजस्थान (19 लाख टन) ने भी गेहूं की राष्ट्रीय खरीद में महत्वपूर्ण योगदान दिया। केंद्रीय भंडार में खाद्यान्न की भारी आमद ने सुनिश्चित किया कि एफसीआई आने वाले महीनों में देश के लोगों के लिए खाद्यान्न की अतिरिक्त आवश्यकता को पूरा करने के लिए तैयार है। इसी अवधि में सरकारी एजेंसियों ने अधिकतम समर्थन मूल्य पर 1.19 करोड़ टन रबी धान की खरीद की। इसके तहत तेलंगाना से 64 लाख टन और आंध्र प्रदेश से 31 लाख टन घान खरीदा गया। मंत्रालय ने कहा यह खरीद कोविड-19 महामारी के दौरान की गई, जब पूरे देश में लॉकडाउन लागू था।