नई दिल्ली। पवन हंस की रणनीतिक बिक्री को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने गुरुवार को कहा है कि वह हेलीकॉप्टर सर्विस ऑपरेटर कंपनी में अपनी संपूर्ण 51 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी और मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर करेगी। पवन हंस एक ज्वाइंट वेंचर है, जिसमें सार्वजनिक कंपनी ओएनजीसी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
सरकार ने पवन हंस में अपनी हिस्सेदारी के इस प्रस्तावित विनिवेश के लिए ट्रांजैक्शन एडवाइजर नियुक्त करने के लिए संस्थाओं से निविदा आमंत्रित की है। इसके लिए जारी पब्लिक नोटिस में कहा गया है कि भारत सरकार पवन हंस लिमिटेड में अपनी संपूर्ण 51 प्रतिशत हिस्सेदारी मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर के साथ रणनीतिक विनिवेश के जरिये बेचने की इच्छुक है।
डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट (दीपम) द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, प्रतिष्ठित पेशेवर सलाहकार फर्म, इनवेस्टमेंट बैंकर्स, मर्चेंट बैंकर्स, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस और बैंक में से किसी एक को ट्रांजैक्शन एडवाइजर नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए आवेदन भेजने की अंतिम तारीख 2 फरवरी रखी गई है।
1985 में स्थापित पवन हंस के पास वर्तमान में 46 हेलीकॉप्टर हैं। इसकी स्थापना का प्राथमिक उद्देश्य ऑयल सेक्टर को ऑफ-शोर एक्सप्लोरेशन ऑपरेशन के लिए हेलीकॉप्टर सपोर्ट सर्विस और सुदूर और पहाड़ी इलाकों के साथ ही साथ चार्टर सर्विस उपलब्ध कराना था। इस माह के शुरुआत में रक्षा उपकरण निर्माता बीईएमएल में भी सरकार ने अपनी 26 फीसदी हिस्सेदारी का विनिवेश रणनीतिक बिक्री के जरिये करने की घोषणा की थी। इससे सरकारी खजाने में 1,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 56,500 करोड़ रुपए का विनिवेश लक्ष्य तय किया है, जिसमें से अब तक शेयर बिक्री और बाय बैक के जरिये तकरीबन 24,000 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया जा चुका है।
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