नई दिल्ली। सरकार रुस से 200 कामोव KA-226T सैन्य हेलीकॉप्टर खरीदने के सौदे को अक्टूबर तक अंतिम रूप दे सकती है। यह खरीद रशियन हेलीकॉप्टर्स और भारत की सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के एक संयुक्त उपक्रम के माध्यम से होगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना से जुड़़ी बुनियादी तैयारियां कर ली गयी हैं क्योंकि सरकार अगले चार महीनों में इस सौदे पर मुहर लगाना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिसंबर 2015 में मास्को यात्रा के दौरान इस सौदे को लेकर दोनों देशों के बीच करार पर हस्ताक्षर किए गए थे।
अक्टूबर 2016 में भारत और रूस ने इसके लिए दोनों कंपनियों का एक संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के समझौते को अंतिम रूप दिया। यह संयुक्त उपक्रम इन हेलीकॉप्टर का विनिर्माण करेंगी। ये हेलीकॉप्टर भारत में चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों की जगह लेंगे जो पुराने हो गए हैं।
पिछले महीने रक्षा मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए भारत-रूस की कंपनियों के उपरोक्त संयुक्त उपक्रम को परियोजना के लिए प्रस्ताव के लिए अनुरोध पत्र (आरएफपी) का फार्म जारी किया था।
अधिकारी ने बताया कि संयुक्त उपक्रम इस आरएफपी पर विस्तृत जवाब अगस्त तक जमा कर सकता है जिसके बाद अक्टूबर में सौदे पर अंतिम मुहर लग सकती है। कामोव KA-226T हेलीकॉप्टर वायुसेना और थल सेना दोनों को दिए जाएंगे।
वर्ष 2015 में हुए प्रारंभिक समझौते के अनुसार पहले 60 कामोव KA-226T हेलीकॉप्टर रुस से तैयार हालत में आएंगे। बाकी 140 का विनिर्माण भारत में किया जाएगा।
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