इस साल लगेगी सरकारी कंपनियों की सेल, जानिए क्या-क्या बेचेगी सरकार
बजट भाषण पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमें इंग्लैंड की प्रधानमंत्री मार्गेट थ्रैचर की तरह निजीकरण की प्रक्रिया अपनानी होगी।
बजट भाषण पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमें इंग्लैंड की प्रधानमंत्री मार्गेट थ्रैचर की तरह निजीकरण की प्रक्रिया अपनानी होगी। यह कहते हुए वित्त मंत्री ने एक भारी भरकम विनिवेश लक्ष्य की भी घोषणा कर दी। बजट में केंद्र सरकार ने नए वित्त वर्ष में पौने दो लाख करोड़ रुपये विनिवेश से जुटाने का लक्ष्य रखा है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में करीब 35 हजार करोड़ कम है। बता दें कि बीते साल कोरोना संक्रमण के चलते सरकार अपने विनिवेश लक्ष्य का 10 प्रतिशत भी प्राप्त नहीं कर पाई थी। पिछले बजट में सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 2.1 लाख करोड़ रुपये विनिवेश के जरिये जुटाने का ऐलान किया था।
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में बताया कि विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने के लिए सरकार के पास प्लान तैयार है। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से भी विनिवेश के लिए योजना तैयार करने के लिए कहा है। सरकार ने बजट में बताया कि कुछ सरकारी कंपनियों में विनिवेश को लेकर फैसले लिए जा चुके हैं। जो अगले वित्त वर्ष में पूरे हो जाएंगे।
किन-किन कंपनियों में होगा विनिवेश
वित्त मंत्री ने बजट में बताया कि सरकार कोरोना संकट के बाद भी सरकार अपने विनिवेश लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रही है। वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार की विनिवेश सूची में बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल, पवन हंस, नीलाचल इस्पात निगम ͧलिमिटेड के साथ होने वाले कई लेन-देन 2021-22 में पूरे हो जाएंगे।
LIC का आईपीओ IDBI का विनिवेश
वित्त मंत्री ने बताया कि LIC का आईपीओ अगले वित्त वर्ष में लाने का प्लान है। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में सरकारी इंश्योरेंस कंपनी LIC का IPO लॉन्च करने की तैयारी में है। सरकार LIC में अपनी 25 फीसदी हिस्सेदारी कम करेगीसाथ ही इसके अलावा IDBI में विनिवेश होगा। IDBI Bank में LIC की 51 फीसदी और सरकार की 47 फीसदी हिस्सेदारी है
BPCL का प्रबंधन भी सौंपेगी सरकार
सरकार का ऐलान कर दिया है कि BPCL के रणनीतिक खरीदार को कंपनी का प्रबंधन नियंत्रण भी ट्रांसफर किया जाएगा, यानी मालिकाना हक भी खरीदार के पास चला जाएगा। हिस्सेदारी बेचने से सरकार को करीब 60 हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं। सरकार अपनी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है।
नुकसान से पहले बंद होंगी इकाईयां
वित्त मंत्री ने बताया कि घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों को समय पर बंद करने पर सरकार खास नीति ला रही है। उन्होंने बताया कि बीमार पड़ी या घाटे में चलने वाले सीपीएसई को समय से बंद करने के ͧलिए हम एक ऐसे संशोधित तंत्र को लागू करने वाले हैं जिससे इन इकाइयों को समय से बंद ͩकिया जा सकेगा।