नई दिल्ली। Debit Card से पेमेंट करना अब और भी सस्ता होने जा रहा है। सरकार ने फैसला किया है कि अब लोग यदि अपने Debit Card के माध्यम से एक लाख रुपए तक टैक्स या अन्य सरकारी शुल्क अदा करते हैं तो उन्हें मर्चेंट डिस्काउंट रेट चार्ज नहीं देना होगा। यह भुगतान सरकार अपनी ओर से बैंकों को करेगी।
मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर वह लागत होती है, जो मर्चेंट्स Debit या Credit Card ट्रांजैक्शंस के लिए बैंकों को चुकाते हैं।
वित्त मंत्रालय के एक सर्कुलर में कहा गया है कि सरकार ने यह निर्णय देश में डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के इरादे से किया है। सरकार इसके लिए बजट में प्रावधान भी करेगी। जिससे सरकार टैक्स और दूसरे सरकारी शुल्क चुकाने पर लगने वाले ट्रांजैक्शन चार्ज को रिफंड कर सके।
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तस्वीरों में देखिए नकदी संकट के दौर में दुकानदार ऐसे भी ले रहे हैं पेमेंट
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सर्कुलर में साफ किया गया है कि यह छूट सिर्फ सरकारी शुल्क और टैक्स के लिए है, अन्य भुगतानों के लिए एमडीआर की व्यवस्था मौजूदा नियम के अनुसार चलती रहेगी। अब सरकारी विभाग एमडीआर क्लेम करने की बजाए यह रकम सरकार से लेने के लिए समय-समय पर आरबीआई के पास क्लेम फाइल करेंगे।
आरबीआई गवर्नमेंट रिसीट ट्रांजैक्शंस पर एमडीआर चार्जेज के बारे में बैंकों के क्लेम को रिम्बर्स करेगा। बजटीय प्रावधान के मुताबिक, आरबीआई यह रकम सरकार से ले लेगा। सरकार ने हाल में 2000 रुपये तक के कार्ड पेमेंट्स पर ट्रांजैक्शन चार्जेज पर लगने वाला सर्विस टैक्स माफ कर दिया था।
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अभी आरबीआई ने डेबिट कार्ड से 2,000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शंस पर एमडीआर की लिमिट 1% रखी है और 2,000 रुपये से नीचे के लेनदेन के लिए 0.75% एमडीआर रखा है।
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