दुबई। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (GST) को लागू करने के लिए सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पास कराने के लिए विपक्ष को राजी करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
यूएई-इंडिया इकोनॉमिक फोरम 2015 की बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि आर्थिक सुधार प्रक्रिया लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। पिछले समय में संसद में कोई भी आर्थिक सुधार विधेयक रुका नहीं है, बेशक इसमें देरी हुई है। आगामी शीतकालीन सत्र में उच्च सदन में जीएसटी पारित कराने के लिए विपक्ष को राजी करने के लिए सारे प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जीएसटी, जिसमें एकल बाजार के निर्माण हेतु 12 राज्यों को एक समान शुल्कों के लिए तैयार कर लिया जाएगा, एक अप्रैल 2016 से लागू करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। लेकिन यदि 26 नवंबर से शुरू हो रहे आगामी शीतकालीन सत्र में इस संविधान संशोधन बिल को पास नहीं कराया गया तो सरकार अपने इस लक्ष्य से चूक भी सकती है।
जीएसटी विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा में एनडीए को बहुमत न होने की वजह से अटका हुआ है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस जीएसटी विधेयक का विरोध करती रही है। वह विधेयक में कुछ चीजों को जोड़ना चाहती है। वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई है कि मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय नजरिया अपनाते हुए जीएसटी का समर्थन करेगी। जीएसटी से अप्रत्यक्ष करों को तर्कसंगत बनाने में मदद मिलेगी। ग्रोथ पर जेटली ने कहा कि चीन में मंदी से भारत पर असर पड़ रहा है लेकिन कमोडिटी की कीमतों में गिरावट आना भारत के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी के बावजूद पिछले साल की तुलना में इस साल हमनें अच्छी ग्रोथ हासिल की है।
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