नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सोने का स्टोरेज करने के लिए बैंकों को ढ़ाई फीसदी कमीशन दिया जाएगा। वहीं, जमाकर्ताओं को जमा किए गए सोने की मेच्योरिटी से पहले निकासी की अनुमति दी जाएगी। वित्त मंत्रालय ने कहा, स्कीम को सफल बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। बैंकों को मिलेगा ढ़ाई फीसदी कमीशन के बदले मध्यम से दीर्घकालीन स्वर्ण जमाओं पर सोने की शुद्धता की जांच, शोधन, स्टोरेज और परिवहन की सर्विस देंगे।
लोगों ने 900 किलो सोना किया जमा
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत व्यक्तियों, परिवारों, मंदिरों को गोल्ड ज्वैलरी या सोने की बट्टी बैंकों या संग्रह एजेंटों के पास जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जमा किए गए सोने को बाद में घरेलू उद्देश्यों के लिए परिष्कृत किया जाएगा और इससे आयात पर निर्भरता घटाने में मदद मिलेगी। सरकार इस योजना के तहत ढाई महीनों में 900 किलोग्राम सोना पहले ही जमा कर चुकी है। जमाकर्ताओं को इस पर सालाना ढाई प्रतिशत ब्याज मिलेगा।
मेच्योरिटी से पहले निकल सकते हैं निवेशक
संशोधित नियमों के तहत मध्यम और दीर्घकालीन सरकारी जमाओं के अंतर्गत परिपक्वता अवधि से पहले निकासी की अनुमति दी गई है। बयान में कहा गया है, तीन वर्ष के बाद किसी भी मध्यम अवधि की जमा और पांच साल बाद दीर्घकालीन जमा की निकासी की अनुमति होगी। इसके अलावा, स्वर्ण जमाकर्ता अब अपना सोना केवल संग्रह एवं शुद्धता जांच केन्द्रों (सीपीटीसी) के जरिए देने के बजाय सीधे रिफाइनरी को दे सकते हैं। योजना को और आकर्षक बनाने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने रिफाइनरीों के लिए लाइसेंस देने की शर्त हल्की की है जिसके तहत रिफाइनिंग के अनुभव को तीन साल से घटाकर एक साल का किया गया है।
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