नई दिल्ली। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 5-जी स्पेक्ट्रम को लेकर सोमवार को बड़ा बयान दिया है। देश में 5-जी सेवाओं के लिए चर्चा तेज हो गई है। सरकार ने सभी कंपनियों को परीक्षण के लिए 5जी स्पेक्ट्रम देने का फैसला किया है। इनमें वे ऑपरेटर भी शामिल होंगे जो चीन की चर्चित नेटवर्क उपकरण कंपनी हुवावेई के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं।
दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा, 'हमने सभी कंपनियों को परीक्षण के लिए 5जी स्पेक्ट्रम देने का फैसला किया है।' प्रसाद ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि इस बारे में सैद्धान्तिक तौर पर फैसला ले लिया गया है। उन्होंने कहा, '5जी भविष्य है, यह रफ्तार है। हम 5जी में नए नवोन्मेषण को प्रोत्साहन देंगे।' सूत्रों ने बताया कि चीन की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी हुवावेई सहित सभी आपरेटर और वेंडर इस परीक्षण में शामिल किए जाएंगे।
बता दें कि इससे पहले दूरसंचार विभाग ने 5.23 लाख करोड़ की कीमत वाले स्पेक्ट्रम की नीलामी की योजना को मंजूरी दे दी है। यह स्पेक्ट्रम 8300 मेगाहर्ट्स (MHz) का होगा जो कि देशभर में 12 सर्किलों में बंटा होगा। स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया जनवरी 2020 में शुरू होगी। मंत्रालय इसके लिए 25 फीसदी सब गीगाहर्ट्स के स्थान पर 10 फीसदी स्पेक्ट्रम के लिए आगामी धनराशि जमा कराएगी।
टेलीकॉम सचिव अंशु प्रकाश ने बताया था कि डिजिटल काम्यूनिकेशन कमिशन (डीसीसी) ने स्पेक्ट्रम की बिक्री की मंजूरी दे दी है। यह बिक्री मार्च 2020 में होगी। डीसीसी ने बीते शुक्रवार को हुई बैठक में टेलीकॉमम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया (ट्राई) की अनुशंसाओं को स्वीकृति दे दी। सरकार ने स्पेक्ट्रम की कीमत को लेकर ट्राई की अनुशंसाओं का स्वीकार कर लिया है। नीलामी प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करने के लिए एक नीलामीकर्ता के चयन की प्रक्रिया 13 जनवरी को शुरू हो जाएगी।
जिन स्पेक्ट्रमों की नीलामी होगी उनमें 700 MHz, 800MHz, 900MHz, 2100MHz, 2300MHz and 3300-3600 को बिक्री के लिए रखा जाएगा। इनमें 5G सेवाओं के लिए 6050MHz भी शामिल है। माना जा रहा है अगले पांच सालों में 5जी सेवाएं काम करने लगेंगी।
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