नई दिल्ली। देश की आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों पर सवाल उठाए जाने के बाद सरकार ने अपने सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.6 फीसदी रहने के आंकड़े का बचाव किया है और इसे उच्च निष्ठा वाला पेशेवर संगठन करार दिया है। वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड द्वारा केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों में पूरा भरोसा जताने का उल्लेख किया। मंत्री ने सीएसओ की मंशा पर सवाल उठाए जाने पर हैरानी जताई।
सीएसओ के अनुमान के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2015-16 में 7.6 फीसदी रही। इससे भारत लगातार दूसरे साल विश्व की सबसे अधिक तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था बना रहा। लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने इस आंकड़े पर सवाल उठाया और कहा कि उत्पादन और व्यय के आधार पर सकल घरेलू उत्पाद के अनुमानों के बीच कुल 2.15 लाख करोड़ की विसंगति है। इसके अलावा विनिर्माण में वृद्धि अन्य संकेतकों के उलट है जिनमें आधिकारिक औद्योगिक उत्पादन आंकड़ा और एक निजी खरीद प्रबंधक सूचकांक शामिल है। सिन्हा ने कहा, सीएसओ एक महत्वपूर्ण पेशेवर संस्थान है। यह सरकार से पूरी तरह स्वतंत्र है। सकल घरेलू उत्पाद और अन्य आंकड़ों की प्रक्रिया के लिए जो कुछ हो सकता है वह यह कर रहा है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों की शुद्धता और वैधता में सुधार निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।
सिन्हा ने कहा, सरकार का मानना है कि सीएसओ अच्छा काम कर रहा है और किसी भी विकासशील देश में 100 प्रतिशत शुद्धता हासिल करना मुश्किल है। लेकिन जो दिक्कतें हैं और हमारी अर्थव्यवस्था का जो स्वरूप है उसमें हमें लगता है कि यह उल्लेखनीय काम कर रहा है। उन्होंने लेगार्ड का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने सीएसओ के आंकड़ों में पूरा भरोसा जताया था। सीएसओ के आंकड़ों के आलोचकों पर निशाना साधते हुए सिन्हा ने कहा, हम उनके आंकड़ों पर सवाल खड़ा कर सकते हैं और उनके विश्लेषण पर भी। निश्चित तौर पर उनके पास सीएसओ की मंशा पर सवाल खड़े करने का कोई आधार नहीं है।
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