सरकार ने वापस ली 7.75 प्रतिशत बचत बॉन्ड योजना, घटती ब्याज दरों का असर
बॉन्ड 28 मई के बैंक के कार्यसमय खत्म होने के बाद से निवेश के लिए उपलब्ध नहीं होंगे
नई दिल्ली। सरकार ने 7.75 प्रतिशत बचत (करयोग्य) बॉन्ड योजना को बृहस्पतिवार को बैंकिंग कारोबार समाप्त होने के समय से वापस लेने का फैसला किया है। सरकार ने यह निर्णय घटती ब्याज दरों को देखते हुये किया है। सरकार के इन बॉंड को सामान्य तौर पर आरबीआई बॉंड अथवा भारत सरकार के बॉंड के नाम से जाना जाता है। बेहतर और सुरक्षित रिटर्न की वजह से आम निवेशकों के बीच इस बॉन्ड योजना को काफी पसंद किया जाता है। इन बॉंड में निवेश करने वाले अपनी मूल राशि की सुरक्षा के साथ साथ नियमित आय को ध्यान में रखते हुये निवेश करते हैं।
प्रवासी भारतीय इन बॉंड में निवेश के पात्र नहीं हैं। रिजर्व बैंक की बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘भारत सरकार यह अधिसूचित करती है कि 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉन्ड 2018, बृहस्पतिवार, 28 मई 2020 को बैंकिंग कार्यसमय समाप्त होने के समय से निवेश के लिये उपलब्ध नहीं होंगे। रिजर्व बैंक ने भी इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इन बॉन्ड में मिलने वाले ब्याज पर कर देय होता है। इन बॉंड में 100 रुपये के अंकित मूल्य पर निवेश होता है और न्यूनतम निवेश सीमा एक हजार रुपये है। योजना के मुताबिक ये बॉंड सात साल की अवधि के होते हैं। बहरहाल, ऐसे समय जब कर्ज पर ब्याज दरों में लगातार कटौती की जा रही है बॉन्ड पर दी जा रही ब्याज दर का भार बढ़ सकता है। रिजर्व बैंक ने हाल ही में रेपो में कटौती करते हुये इसे चार प्रतिशत कर दिया है। इसे देखते हुये 7.75 प्रतिशत की ब्याज दर वाले इन बॉन्ड पर लागत ज्यादा रह सकती है। जिसे देखते हुए ये फैसला लिया गया है।