नयी दिल्ली। सरकार सोने के रूप में जमा अघोषित संपत्ति का पता लगाने के लिए स्वर्ण माफी योजना पेश करने पर विचार नहीं कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। यह स्पष्टीकरण ऐसे समय आया है जब मीडिया में खबरें आ रही हैं कि सरकार माफी योजना ला सकती है। यह लोगों और इकाइयों को बिना मुकदमे के सोने में अपने निवेश का खुलासा करने की अनुमति देगा।
सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग ऐसी किसी भी स्वर्ण माफी योजना पर विचार नहीं कर रहा है जैसा कि मीडिया में खबरें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि बजट प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और आमतौर पर बजट से पहले इस तरह के कयास सामने आते रहते हैं।
मीडिया में आ रही खबरों में कहा गया है कि नई आम माफी योजना से सोने के जमाखोरों को कालेधन से किए गए निवेश को वैध बनाने का मौका मिलेगा। इसके लिए उन्हें अपने पास मौजूद सोने का खुलासा करना होगा और इस पर कर का भुगतान करना होगा।
अनुमान है कि भारतीयों के पास लगभग 20,000 टन सोना जमा होगा। हालांकि, अघोषित आयात, पैतृक संपत्ति के रूप में मिले सोने इत्यादि को जोड़ लिया जाए तो भारत में 25,000-30,000 टन सोने का वास्तविक भंडार होने का अनुमान है। इससे पहले सरकार ने कालेधन पर लगाम लगाने की कोशिशों के रूप में आठ नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोट को चलन से हटाने की घोषणा की थी।
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