नई दिल्ली। देश में आलू की खुदरा कीमतों को नीचे लाने के लिए सरकार ने भूटान से आलू के आयात नियमों में नरमी दे दी है। सरकार के द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक 31 जनवरी 2021 तक भूटान से आयातित आलू के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। वहीं इसके साथ ही उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को जानकारी दी है कि भूटान से अगले कुछ दिनों में 30,000 टन आलू देश में पहुंच जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खुदरा मूल्य पर लगाम लगाने के लिये 10 लाख टन आलू का आयात किया जा रहा है। उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है जब आलू की खुदरा कीमत देश में कुछ जगहों पर 60 रुपये किलो से ऊपर तक पहुंच गयी है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि 10 लाख टन आलू के आयात के लिये सीमा शुल्क जनवरी 2021 तक कम कर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि आलू की कीमत बढ़ रही है और अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 42 रुपये किलो पर पिछले तीन दिनों से स्थिर बना हुआ है। गोयल ने कहा कि सरकार ने आलू के आयात के लिये कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आलू के खुदरा मूल्य पर लगाम लगाने के लिये कदम उठाया गया है। हम 10 लाख टन आलू का आयात करने जा रहे हैं। इसमें से करीब 30,000 टन आलू भूटान से अगले कुछ दिनों में आ जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आलू, प्याज और अन्य जरूरी चीजें त्योहारों के दौरान सस्ती दरों पर मिले।’’
प्याज की तरह ही देश के कई हिस्सों में आलू की कीमतों में बढ़त देखने को मिल रही थी, बाजार में सप्लाई घटने से कीमतों में बढ़त का रुख था, जिसे देखते हुए सरकार आलू के आयात को बढ़ाने के कदम उठा रही है।
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