नयी दिल्ली: संसद की एक समिति ने कहा है कि सरकार को अमेरिका तथा यूरोपीय संघ (ईयू) के देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए। वाईएसआर कांग्रेस के नेता विजयसाई रेड्डी की अध्यक्षता वाली वाणिज्य पर संसद की स्थायी समिति ने शनिवार को राज्यसभा के सभापति वेंकेया नायडू को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और ईयू के साथ एफटीए नहीं होने की वजह से घरेलू निर्यातकों को नुकसान हो रहा है। समिति ने इस बात पर चिंता जताई है कि 2019-20 की तुलना में देश के निर्यात में गिरावट आई है। 2020 में निर्यात 15.73 प्रतिशत घटा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्यात का देश की कुल आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में भारत को निर्यात प्रोत्साहन और नए निर्यात बाजारों तक पहुंच के लिए कदम उठाना चाहिए। इससे वैश्विक निर्यात में हमारा हिस्सा बढ़ सकेगा।
समिति ने कहा है कि इस वजह से अमेरिका और यूरोपीय संघ में भारतीय निर्यातक अन्य निर्यातक देशों के साथ प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाते हैं। समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि वाणिज्य विभाग को हमारे प्रमुख व्यापारिक भागीदारों के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए कदम उठाना चाहिए। ‘‘हमें ऐसे व्यापार करार करने चाहिए जो देश के लिए लाभदायक हों और घरेलू बाजार तथा निर्यातकों के हितों की दृष्टि से संतुलित हों।’’ समिति ने इस बात पर भी चिंता जताई कि सड़क की तुलना में रेल ढुलाई का हिस्सा मात्र 35 प्रतिशत है। अन्य विकसित देशों में यह इसके उलट होता है।
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