मुंबई। देश में बढ़ते खाद्य तेलों के आयात पर अंकुश लगाने कि लिए इंडस्ट्री ने सरकार से ड्यूटी बढ़ाने की मांग की है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष प्रवीण लुंकाद ने कहा कि रिफाइंड ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी को 20 फीसदी से बढ़ाकर 27.5 फीसदी करना चाहिए। उन्होंने कहा, इससे किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य सुनिश्चित हो सकेगा और घरेलू रिफाइनरियों को क्षमता उपयोग सुधारने में मदद मिलेगी।
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देश में बढ़ते तेल इंपोर्ट से किसान परेशान
संगठन ने कहा कि सरकार को रिफाइंड ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 27.5 फीसदी कर कच्चा तेल और रिफाइंड ऑयल के बीच ड्यूटी के अंतर को संशोधित करना चाहिए। घरेलू खाद्य तेल उद्योग और कृषक समुदाय खाद्य तेल इंपोर्ट में मौजूदा वृद्धि से प्रभावित है। 2014-15 (नवंबर-अक्टूबर) में खाद्य तेल इंपोर्ट पिछले साल की तुलना में 24 फीसदी बढ़कर 1.44 करोड़ टन रहा। लुंकाद ने कहा वैश्विक स्तर पर खाद्य तेल की कीमत 2008 से ही ऐतिहासिक रूप से नीचे है और इससे घरेलू कंपनियां प्रभावित हो रही हैं।
कमजोर मांग से कीमतों में गिरावट
फुटकर मांग कमजोर पड़ने से दिल्ली थोक तेल तिलहन बाजार में सोमवार को मूंगफली तेल मे 50 रुपए क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई । सीमित कारोबार के दौरान अन्य खाद्य व अखाद्य तेलों के भाव मामूली उतार चढ़ाव के बाद पूर्व स्तर पर बंद हुए। बाजार सूत्रों के अनुसार उत्पादक क्षेत्रों से पर्याप्त आपूर्ति के बीच फुटकर मांग कमजोर पड़ने से थोक बाजार में मूंगफली तेल में गिरावट आईं मूंगफली मिल डिलीवरी तेल गुजरात के भाव 50 रुपए की हानि के साथ 9000 रुपए क्विंटल बंद हुए।
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