नयी दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) से लगभग 16.5 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं यह योजना कोविड-19 महामारी की रोक-थाम के लिए लागू सार्वजनिक पाबंदियों के बीच संगठित क्षेत्र में नौकरियों के अवसर बढ़ाने के लिए अक्टूबर में शुरू की गयी थी। केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार को यह जानकारी दी। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘नौ मार्च, 2021 को (एबीआरवाई के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए) 16.49 लाख कर्मचारियों को पंजीकृत किया गया था।’’
इस योजना के तहत नयी नियुक्तियों पर दो साल तक कुछ शर्तों के साथ श्रमिक और नियोक्ता के कर्मचारी भविष्य निध में योगदान का बोझ खुद उठा रही है। यह योगदान वेतन के 12-12 प्रतिशत (कुल 24 प्रतिशत) के बराबर होता है। इस योजना को सामाजिक सुरक्षा लाभ के साथ-साथ -नए रोजगार के सृजन और महामारी के दौरान रोजगार के नुकसान की भरपायी को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही यह योजना, विभिन्न क्षेत्रों / उद्योगों के नियोक्ताओं के वित्तीय बोझ को कम करती है और उन्हें और अधिक श्रमिकों को नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है। मंत्री ने सदन को बताया कि पीएमजीकेवाई योजना के तहत 38.82 लाख पात्र कर्मचारियों के ईपीएफ खातों में 2,567.66 करोड़ रुपये जमा किए गए।
महिला रोजगार सृजन के बारे में सदन को दिए एक अन्य उत्तर में, मंत्री ने सदन को बताया, "अप्रैल-दिसंबर, 2020 के दौरान, कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना में 9.27 लाख महिला अंशधारक जुड़ीं। इसी तरह नई पेंशन योजना (एनपीएस) में 1.13 लाख और कर्मचारी राज्य बीमा योजना में लगभग 2.03 लाख महिला कर्मचारी जुड़ीं। " एक अन्य उत्तर में मंत्री ने कहा, "भविष्य निधि के लंबित दावे 15,351 हैं जो उस अवधि (अप्रैल 2020 से फरवरी 2021) के दौरान किए गए कुल 2.91 करोड़ दावों का 0.053 प्रतिशत भाग हैं।" मंत्री ने बताया कि दावों के निपटान की औसत समयावधि 20 दिन है।
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