नई दिल्ली। सरकार ने शनिवार को तुअर दाल के आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में रख दिया है और साथ में इसके आयात का कोटा भी निर्धारित कर दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक अधिसूचना में कहा, एक वित्तवर्ष में तुअर का अधिकतम 2 लाख टन का आयात हो सकेगा, 2 लाख टन से ज्यादा के आयात की इजाजत नहीं होगी। हालांकि यह शर्त सरकार की तरफ से द्विपक्षीय या क्षेत्रीय समझौतों के तहत आयात होने वाले तुअर पर लागू नहीं होगी। यानि जरूरत पड़ने पर सरकार आयात कर सकेगी।
इसमें कहा गया है कि अरहर या तुअर दाल की आयात नीति को मुक्त आयात से अब प्रतिबंधित श्रेणी में रखा जाता है। भारत दुनिया में सबसे बड़ा दलहन उत्पादक और उपभोक्ता देश है। दलहन के कुल 224 करोड़ टन के उत्पादन में तुअर दाल का योगदान करीब 15 प्रतिशत है।
2016-17 के दौरान देश में कुल 224 लाख टन दलहन का उत्पादन हुआ है जिसमें तुअर उत्पादन 46 लाख टन दर्ज किया गया है। खरीफ सीजन के दौरान देशभर में तुअर सबसे ज्यादा पैदा होने वाला दलहन है। पिछले साल तुअर का रिकॉर्ड उत्पादन होने की वजह से इसकी कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली थी और किसानों को उनके पैदा किए हुए तुअर का बहुत कम भाव मिला था। ऐसे में सरकार ने इस साल तुअर आयात पर लगाम लगाने के लिए यह नया फैसला किया है। सरकार के इस फैसले से तुअर दाल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
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