नई दिल्ली। देश में प्याज की बढ़ती कीमतों पर सरकार अब हरकत में आ गई है। घरेलू बाजार में सप्लाई बेहतर करने के लिए सरकार ने आयात बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। इसमें प्लांट क्वारंटीन ऑर्डर के तहत फ्यूमीगेशन सहित कुछ और नियमों को सरल कर दिया है, जिससे देश में प्याज का आयात बढ़ाया जा सके। फ्यूमीगेशन पेस्ट कंट्रोल का एक तरीका है, जिसमें एक खास बंद जगह में उत्पाद को रखकर कैमिकल के प्रभाव से कीड़ों की खात्मा किया जा सके। हालांकि इस प्रक्रिया में इस्तेमाल रसायनों को लेकर अलग अलग देशों में नियम काफी कड़े हैं, जिससे आयात या निर्यात पर असर पड़ता है। इन नियमों में ढील के बाद प्याज के आयात में आसानी होगी। भारत में लगातार प्याज की कीमतों में बढ़त देखने को मिल रही है। वहीं नई फसल आने में अभी एक महीने का वक्त बाकी है ऐसे में प्याज की सप्लाई बढ़ाने के लिए सरकार आयात पर जोर दे रही है।
मंगलवार को देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव एपीएमसी में प्याज का औसत मूल्य 7100 रुपये प्रति क्विंटल रहा है। इस कीमत पर करीब 7000 टन प्याज नीलाम हुए हैं। ये कीमत पिछले 10 महीने का उच्चतम स्तर है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर कीमतों में इस तरह बढ़त देखने को मिलेगी तो प्याज की कीमत खुदरा बाजार में 100 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच जाएगी।
आमतौर पर मॉनसून से लेकर सर्दियों से पहले तक प्याज की कीमतों में उछाल का इतिहास रहा है। नई फसल में देरी, मॉनसून की वजह से आवाजाही पर असर इसकी मुख्य वजह है। वहीं बारिश से फसलों पर असर पड़ने से भी स्थिति और बिगड़ जाती है। इस साल बारिश की वजह से महाराष्ट्र और कर्नाटक में प्याज की फसल पर असर पड़ा है, जिससे सप्लाई घटने की आशंका बन गई है। वहीं महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में देरी से बुवाई की वजह से प्याज की नई फसल आने में देऱी की संभावना से भी कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है।
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