किसानों से प्याज की खरीद बढ़ाएगी सरकार, बफर स्टॉक 1 लाख टन से बढ़ाकर 1.5 लाख टन करने की योजना
इस साल जब प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई थी तो सरकार को अफगानिस्तान से प्याज का आयात करना पड़ा था।
नई दिल्ली। इस साल प्याज की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार को विदेशों से प्याज का आयात करना पड़ा है और अब सरकार ने तय किया है कि भविष्य में घरेलू स्तर पर ही प्याज का स्टॉक बढ़ाया जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर स्टॉक में पड़े प्याज को मार्केट में उतारा जा सके। उपभोक्ता मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक सरकार ने प्याज के बफर स्टॉक को 1 लाख टन से बढ़ाकर 1.5 लाख टन करने का फैसला किया है। बफर स्टॉक के लिए आगामी रबी 2021 फसल सीजन में पैदा होने वाले प्याज की किसानों से खरीद की जाएगी।
इस साल जब प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई थी तो सरकार को अफगानिस्तान से प्याज का आयात करना पड़ा था। सरकार ने इस साल किसानों से प्राइस स्टेबिलिटी फंड के तहत लगभग 99000 टन प्याज की खरीद की है और अबतक राज्यों को 63110 टन प्याज सप्लाई किया जा चुका है। अगले सीजन में सरकार किसानों से 1.5 लाख टन प्याज की खरीद कर सकती है।
प्याज की कीमतों की बात करें तो पिछले कुछ दिनों में भाव कंट्रोल में आते दिखे हैं। महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में मंगलवार को प्याज का औसत भाव 2750 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया है। देश की अन्य मंडियों में भी प्याज के भाव में नरमी देखी जा रही है।
चीनी निर्यात अनुदान को आज मिल सकती है मंत्रिमंडल की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज (बुधवार) चालू शुगर सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी निर्यात पर अनुदान पर फैसला होने की संभावना है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक, चालू सीजन में चीनी निर्यात अनुदान के मसले पर मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा हो सकती है। देश के चीनी उद्योग काफी समय से सरकार से चालू सीजन के लिए चीनी निर्यात नीति की घोषणा करने की मांग कर रहा है। पिछले सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में केंद्र सरकार ने अधिकतम स्वीकार्य निर्यात कोटा के तहत 60 लाख टन चीनी निर्यात 10,448 रुपये प्रति टन की दर से अनुदान देने की घोषणा की थी और भारत ने 2019-20 में रिकॉर्ड 57 लाख चीनी निर्यात किया। चीनी उद्योग ने पिछले सीजन की चीनी निर्यात नीति को इस सीजन में भी जारी रखने की मांग की है।
हालांकि सूत्र बताते हैं कि इस साल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी का दाम उंचा है इसलिए निर्यात अनुदान की राशि कटौती हो सकती है। पिछले सीजन में 60 लाख टन चीनी निर्यात 10,448 रुपये प्रति टन की दर से अनुदान की कुल राशि 6,268 करोड़ रुपये होती है। जानकारी के अनुसार, खाद्य मंत्रालय की ओर इस साल चीनी निर्यात पर 3,600 करोड़ रुपये अनुदान का प्रस्ताव दिया गया है।