नई दिल्ली। देश में माल की तीव्र ढुलाई के लिए 35,000 किलोमीटर लंबे हाईवे नेटवर्क का का विकास करने के लिए केंद्र सरकार शीघ्र ही तीन लाख करोड़ रुपए लागत वाली महत्वाकांक्षी आर्थिक गलियारा परियोजना लाने पर विचार कर सकती है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र में यह अपनी तरह की दूसरी सबसे बड़ी परियोजना होगी। इससे पहले एनएचडीपी का सड़क निर्माण कार्यक्रम रहा, जिसके तहत स्वर्ण चतुर्भुज योजना सहित 50,000 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे नेटवर्क का निर्माण किया गया। स्वर्ण चतुर्भुज परियोजना के तहत देश के चार महानगरों को जोड़ा जाना है, जिसमें उत्तर दक्षिण गलियारा श्रीनगर से कन्याकुमारी को जोड़ता है, जबकि पूर्व पश्चिम गलियारा पोरबंदर को सिलचर से जोड़ता है। अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय द्वारा नियुक्त वैश्विक परामर्शक फर्म एटी कर्नी ने इस तरह के 40 आर्थिक गलियारों को चिन्हित किया है, जिनकी कुल लंबाई लगभग 35,000 किलोमीटर होगी। इस फर्म की सेवाएं मंत्रालय ने ली थीं।
अधिकारी ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य सड़क मार्ग से माल ढुलाई को तीव्र बनाना है। इसके तहत 21,000 किलोमीटर लंबे हाईवे का विकास होगा, बल्कि 14,000 किलोमीटर लंबी संपर्क सड़कों का विकास भी किया जाएगा। इसके अनुसार, मोटे अनुमान के अनुसार परियोजना का खर्च लगभग तीन लाख करोड़ रुपए होगा, योजनाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आर्थिक गलियारों में मुंबई-कोचीन-कन्याकुमारी, बेंगलुरु-मंगलौर, हैदराबाद-पणजी और संभलपुर-रांची जैसे नाम शामिल हैं। अधिकारी ने आगे बताया कि यह परियोजनाएं चरणों में पूरी होंगी और इनके ठेके बिल्ड, ऑपरेट, ट्रांसफर (बीओटी) टोल मोड और नई हाइब्रिड एन्युटी मोड (एचएएम) के तहत दिए जाएंगे।
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