चेक बाउंस होने पर अब आपकी खैर नहीं, महीने भर के भीतर ही खानी पड़ सकती है जेल की हवा
केंद्र सरकार चेक बाउंस से जुड़े कानून में बदलाव करने वाली है। जानबूझ कर चेक बाउंस कराने वाले लोगों को अब एक-दो महीने के अंदर ही जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
नई दिल्ली। मोदी सरकार डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने के कदमों के साथ ही उन लोगों के खिलाफ सख्त युख अख्तियार करने जा रही है जो जान बूझ कर अपना चेक बाउंस करवाते हैं। ऐसे में आपका चेक बाउंस होना आपके लिए परेशानी की वजह बन सकता है। केंद्र सरकार चेक बाउंस से जुड़े कानून में बदलाव करने जा रही है। जान बूझ कर चेक बाउंस कराने वाले लोगों को अब एक-दो महीने के अंदर ही जेल की हवा खानी पड़ सकती है। अगले बजट सत्र में सरकार इससे संबंधित एक विधेयक लाने की तैयारी कर रही है।
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नए कानून में हो सकती हैंं ये बातें
- अगले बजट सत्र में लाए जा रहे विधेयक के अनुसार, अगर कोई भी व्यक्ति चेक बाउंस होने के एक महीने के अंदर कुछ दंड के साथ भुगतान नहीं करता है तो उसे जेल जाना होगा।
- मौजूदा कानून में भी जेल की सजा का प्रावधान तो है लेकिन कानूनी लड़ाई में महीनों और सालों लग जाते हैं।
- उल्लेखनीय है कि चेक बाउंस होने की घटनाओं में तब थोड़ी कमी आई थी, जब पहली बार निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत जेल का प्रावधान किया गया था।
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कारोबारियों के ग्रुप ने सरकार के सामने रखा था अपना दर्द
- सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों में प्रधानमंत्री सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के सामने कारोबारियों के समूह ने अपना दर्द रखा था।
- उनका कहना था कि चेक बाउंस होने के मामले में उन्हें वसूली करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है।
- इसमें कई बार वर्षो लग जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसमें बदलाव के बाबत सुझाव दिया था।
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देश भर में चेक बाउंस के 20 लाख मामले हैं दर्ज
- देश भर के विभिन्न कोर्टो में चेक बाउंस के लगभग बीस लाख केस दर्ज हैं।
- इनमें से कई मामले तो पांच साल से भी ज्यादा पुराने हैं।
- सूत्रों के अनुसार, ऐसे मामलों से निपटने की कोशिशें शुरू हो गई हैंं।
- फिलहाल कानून के तहत चेक मूल्य के दोगुना फाइन या दो साल तक की सजा या फिर दोनोंं का प्रावधान है।
- लेकिन यह कोर्ट से निर्णय होने के बाद होता है। नए संशोधन में यह गौरतलब होगा कि सजा ट्रायल के पहले कैसे दी जा सकेगी।
- या फिर ऐसे मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट से करने का प्रावधान होगा।