नई दिल्ली। सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम (सीबीईसी) ने विभिन्न मोबाइल पार्ट्स पर लगाए गए 29.441 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी को आंशिक रूप से वापस लेने की अधिसूचना जारी की है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 2016-17 के आम बजट में मोबाइल हैंडसेट बनाने में इस्तेमाल के लिए चार्जर, बैटरी, वायर हैडसेट आदि पर 10 फीसदी मूल सीमा शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया था।
इन पर 12.5 फीसदी का प्रति शुल्क और चार प्रतिशत विशेष अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने से कुल शुल्क 29.441 फीसदी बन रहा था। उद्योग जगत की राय पर जेटली ने पिछले सप्ताह वित्त विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए इन शुल्कों को आंशिक रूप से वापस लेने की घोषणा की। सीबीईसी की अधिसूचना के अनुसार मूल सीमा शुल्क व विशेष अतिरिक्त शुल्क को वापस ले लिया गया है। अधिसूचना में कहा गया कि सीमा शुल्क और विशेष अतिरिक्त शुल्क को वापस लिया जाता है। इसके बाद आयातकों को चार्जर, एडॉप्टर, बैटरी और हेडसेट पर 12.5 फीसदी आयात शुल्क देना होगा।
तस्वीरों में देखिए फोन चार्ज करने वाला जूता
charging shoe
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मोबाइल फोन विनिर्माताओं ने सरकार के पार्ट्स पर शुल्क ढांचे को तर्कसंगत बनाने के कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे टैक्स की दर 12.5 फीसदी बैठेगी, जबकि बजट प्रस्ताव के अनुसार यह 29.44 फीसदी बैठती है। इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने एक बयान में कहा कि बजट 2016 के प्रस्तावों के अनुसार शुल्क ढांचे में बैटरी, चार्जर और हेडसेट जैसे पार्ट्स के लिए शुल्क दर 29.44 फीसदी बैठती है जबकि पूर्ण मोबाइल फोन के लिए यह 12.50 फीसदी है। सरकार ने चार्जर, एडॉप्टर, बैटरी और वायर वाले हेडसेट के लिए मूल सीमा शुल्क 10 प्रतिशत तथा विशेष अतिरिक्त शुल्क 4 प्रतिशत को समाप्त कर दिया है।
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