नई दिल्ली। संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी कर मुक्त करने का कानून जल्द पारित हो सकता है। ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2017 संसद के आगामी बजट सत्र में पारित होने की उम्मीद है। यह विधेयक पारित होने के बाद संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर कर नहीं देना होगा।
संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को फिलहाल पांच साल या अधिक की सेवा के बाद नौकरी छोड़ने या सेवानिवृत्ति के बाद 10 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर कोई कर नहीं देना होता है। एक सूत्र ने कहा, ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2017 संसद के बजट सत्र में पारित होगा। सूत्र ने कहा कि सरकार संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी को करमुक्त रखने की सुविधा देना चाहती है।
यह विधेयक पिछले महीने संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया गया था। एक बार यह विधेयक पारित होने के बाद सरकार को कर मुक्त ग्रेच्युटी की सीमा के लिए इसे बार-बार करने की जरूरत नहीं होगी। विधेयक के तहत सरकार को मातृत्व अवकाश की अवधि और ग्रेच्युटी तय करने की अनुमति होगी, जिसका लाभ कर्मचारी केंद्रीय कानून के तहत उठा सकेंगे। श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने 18 दिसंबर, 2017 को ग्रेच्युटी भुगतान :संशोधन: विधेयक पेश किया था।
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