नई दिल्ली। सरकार प्रिंट मीडिया, निर्माण व रिटेल क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है ताकि इनमें विदेशी निवेश बढ़ाया जा सके। इस बारे में आज वित्त मंत्रालय में विचार-विमर्श किया गया।
निर्माण व विकास क्षेत्र में विदेशी निवेश नीति को ढील देने का प्रस्ताव है। इसके तहत किसी भारतीय कंपनी को अपनी किसी परियोजना में अविकसित भूंखडों के लिए एफडीआई लाने की अनुमति दी जा सकती है। इस समय निर्माण क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुति है, जिसमें कुछ शर्तें लागू हैं। सरकार की इस सारी पहल का उद्देश्य विदेशी कंपनियों को निवेशक अनुकूल माहौल उपलब्ध कराना व आर्थिक वृद्धि व रोजगार सृजन को बल देने के लिए और अधिक एफडीआई आकर्षित करना है।
सरकार की एकल ब्रांड व बहु ब्रांड रिटेल कारोबार में एफडीआई की नीति में ढील देने की भी योजना है। इस समय स्वत: मार्ग से 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है, जबकि इससे अधिक एफडीआई के लिए सरकार की मंजूरी लेनी पड़ती है। सरकार इस विकल्प पर भी विचार कर रही है विदेशी रिटेल कंपनियों को भारत में बने उत्पाद बेचने के लिए स्टोर खोलने की अनुमति दी जाए। वहीं केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल भी बहु ब्रांड रिटेल नीति के तहत गैर खाद्य उत्पादों में एफडीआई की अनुमति पर जोर दे रही हैं।
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