नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय को इस साल के आखिर तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से अधिशेष हस्तांतरण की पहली किस्त मिल सकती है। आरबीआई अधिशेष का सरकार को हस्तांतरण के मसले पर बिमल जालान समिति अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे चुकी है।
इस रिपोर्ट पर आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड द्वारा विचार विमर्श करने और रिपोर्ट को मंजूरी देने के बाद दिसंबर तक सरकार को अधिशेष राशि की पहली किस्त का हस्तांतरण किया जा सकता है। आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अगुवाई में छह सदस्यीय समिति का गठन यह आकलन करने के लिए किया गया था कि आरबीआई अपनी पूंजी आरक्षित निधि की कितनी राशि सरकार को हस्तांतरित कर सकता है और कितनी राशि उसे अपने पास रखनी चाहिए।
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समिति ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है और यह जल्द ही आरबीआई को सौंपी जाएगी जिस पर इस महीने के आखिर में आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा और इसे बोर्ड की मंजूरी मिलेगी। आर्थिक कार्य सचिव अतनू चक्रवर्ती आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड में सरकार की ओर से निदेशक हैं।
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एक सूत्र ने बताया कि सरकार को उम्मीद है कि आरबीआई अधिशेष हस्तांतरण राशि की पहली किस्त उसे इस साल मिलेगी। रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद आरबीआई का केंद्रीय बोर्ड इस महीने के आखिर में होने वाली बैठक में इस पर चर्चा करेगा और इसे आगामी बैठक में या उसके बाद की बैठक में मंजूरी दी जा सकती है। आमतौर पर बोर्ड की बैठक महीने में एक बार होती है।
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