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Lockdown हटने के बाद मिलेगी खुशखबरी, सरकार कर सकती है प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा

सरकार लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित छोटे कारोबार और स्वरोजगारों के लिए यह पैकेज ला सकती है।

 Government may announce stimulus after lockdown finish - India TV Paisa Image Source : PTI  Government may announce stimulus after lockdown finish 

नई दिल्‍ली। कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक पुनरूद्धार पर मंडराते खतरे को देखते हुए सरकार लॉकडाउन में ढिलाई के तुंरत बाद प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है। ब्रोकरेज कंपनी बर्नस्टीन ने एक बयान में कहा कि उसका वृहत आर्थिक सूचकांक अप्रैल और मई के दौरान आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का संकेत दिखा रहा है। सरकार लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित छोटे कारोबार और स्वरोजगारों के लिए यह पैकेज ला सकती है।

उसने कहा कि मई में ऊर्जा खपत में चार प्रतिशत और ईंधन खपत में 16 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई हैं। ई-वे बिल में 16 प्रतिशत की कमी आई है। खुदरा दुकानों के बंद रहने के कारण कारखानों में कुछ श्रेणियों के उत्पादन में कमी आई है। बर्नस्टीन ने कहा कि खुदरा दुकानों का बंद रहना उत्पादन को बढ़ाने की क्षमता को सीमित कर रहा है। आपूर्ति प्रबंध पर हालांकि उतना गहरा प्रभाव नहीं पड़े, क्योंकि अधिकतर राज्यों में कारखाने के संचालन पर प्रतिबंध कम हैं।

उसने कहा कि हमारा मानना है कि.लॉकडाउन हटने पर सरकार एक और प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है। कोरोना के कारण एसएमई (सूक्ष्म और मझोले उद्यम) क्षेत्र और स्व नियोजित रोजगार वाले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। निम्न मध्यम वर्ग पर तो प्रभाव पड़ा ही है लेकिन इस बार उच्च-मध्यम वर्ग में उपभोक्ता भावना कमजोर हो सकती है और इस पहलू पर ध्यान देने की जरूरत है। बर्नस्टीन कहा कि इस बार जो हम देख रहे, उसमे अर्थव्यवस्था के लिए चौकाने वाली कोई बात नहीं है। वृहत आर्थिक मोर्चे पर हालत थोड़ी बिगड़ रही है लेकिन पिछले वर्ष लगाए गए लॉकडाउन के मुकाबले कम गति से। इस बार भी कुछ महीनों तक अर्थव्यवस्था की गति धीमी रह सकती है, क्योंकि पिछले बार भी लॉकडाउन हटने के कुछ महीनो तक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव देखा गया था।

सरकार से एक ओर आर्थिक पैकेज लाने की सिफारिश

उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष उदय कोटक ने कोविड-19 की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित निम्न वर्ग और छोटे एवं मध्यम कारोबारियों की मदद के लिए सरकार से एक और आर्थिक पैकेज पर विचार करने की सिफारिश की है। कोटक ने कहा कि सरकार छोटे कारोबारियों को बिना गारंटी के दिए जाने वाले कर्ज को क्रेडिट गारंटी योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये करने पर विचार कर सकती है। पिछले साल केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में 3 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की घोषणा की थी।

कोटक ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर का काफी प्रतिकूल असर पड़ा है और इसने अप्रैल और मई के दौरान विशेष कर पूरे देश को हिला कर रख दिया। उन्होंने दूसरी लहर के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) पर प्रभाव को लेकर कहा कि शुरूआती संकेतो से पता चलता है कि लहर का अर्थव्यवस्था और वृद्धि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है। लेकिन यह कहना सही होगा कि इसके कम होने की आशंका है। यह दस प्रतिशत से कम रह सकती है। हमें अभी स्थिति पर नजर रखनी होगी।

 

 

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