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Hindi News पैसा बिज़नेस जीएसटी विधेयक को मंजूरी दिलाने के लिए संसद सत्र पहले बुला सकती है सरकार

जीएसटी विधेयक को मंजूरी दिलाने के लिए संसद सत्र पहले बुला सकती है सरकार

सरकार संसद के शीतकालीन सत्र को तय समय से पखवाड़ा भर पहले ही बुला सकती है ताकि जीएसटी से जुड़े विभिन्न समर्थनकारी कानूनों को पारित करवाया जा सके।

Tax Reform: जीएसटी बिल को मंजूरी दिलाने के लिए संसद सत्र पहले बुला सकती है सरकार, एक अप्रैल से लागू करने की तैयारी- India TV Paisa Tax Reform: जीएसटी बिल को मंजूरी दिलाने के लिए संसद सत्र पहले बुला सकती है सरकार, एक अप्रैल से लागू करने की तैयारी

नई दिल्ली। सरकार संसद के शीतकालीन सत्र को तय समय से पखवाड़ा भर पहले ही बुला सकती है ताकि वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े विभिन्न समर्थनकारी कानूनों को पारित करवाया जा सके। सरकार जीएसटी को अगले साल एक अप्रैल से लागू करना चाहती है। संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे या चौथे सप्ताह में होता है लेकिन इस साल सरकार इसे त्योहारी सीजन समाप्त होने के तुरंत बाद आहूत करना चाहती है।

सरकारी अधिकारी के अनुसार अगर संसद का शीतकालीन सत्र थोड़ा पहले शुरू होता है तो केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) विधेयकों को नवंबर या दिसंबर के शुरू में पारित करवाया जा सकेगा। इन विधेयकों के पारित होने से जीएसटी के कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त होगा। गौरतलब है कि उक्त दोनों विधेयक उस संविधान संशोधन विधेयक के समर्थन में हैं जिन्हें संसद के मानसून सत्र में पारित किया गया था। संविधान संशोधन विधेयक को अब तक असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, दिल्ली व मध्य प्रदेश सहित आठ राज्य विधानसभाएं मंजूरी दे चुकी हैं। इसे कानून बनाने के लिए 31 में से आधे राज्यों की मंजूरी जरूरी है।

अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र व हरियाणा में उक्त संविधान संशोधन विधेयक को शीघ्र ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है और जरूरी आंकड़ा सितंबर तक हासिल होने की उम्मीद है। अधिकारी के अनुसार, विधेयक की पुष्टि करने की राज्यों की जरूरी संख्या के साथ हमारा मानना है कि संसद के शीतकालीन सत्र को छठ पूजा सहित त्योहारी सीजन के बाद 9 या 10 नवंबर को आहूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी राजनीतिक दलों की सहमति की जरूरत होगी। सरकार का मानना है कि नयी राष्ट्रीय कर प्रणाली को आधे राज्यों की विधानसभाओं की मंजूरी मिलने के बाद जीएसटी परिषद को सक्रिय किया जा सकता है कि ताकि कर दरों, स्लैब व छूट आदि का फैसला किया जा सके।

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