नई दिल्ली। सरकार ने मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए इनसे जुड़े 55 हजार से अधिक डायरेक्टर्स के नाम सार्वजनिक कर दिए हैं। सरकार ने यह कदम इन कंपनियों के कामकाज को रोकने और इनसे जुड़े निदेशकों के भविष्य में इस तरह की किसी अन्य गतिविधि में शामिल होने पर अंकुश लगाने के लिए उठाया है। सरकार आने वाले समय में और भी नामों का खुलासा कर सकती है। ऐसी मुखौटा कंपनियां जिन्होंने या तो अब तक अपने कारोबार की शुरुआत नहीं की है या लगातार 3 साल तक वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में असफल रही हैं, से जुड़े 1.06 लाख डायरेक्टर्स की पहचान पहले ही की जा चुकी है। सरकार पहले ही इस तरह की 2 लाख से अधिक कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर चुकी है।
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इनके अलावा सरकार ने बैंकों से भी कहा है कि वे इन कंपनियों के खातों का उनके निदेश या अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा परिचालन करने पर रोक लगाएं। इसके अलावा इन कंपनियों की आड़ में की गई मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों की भी जांच की जा रही है। डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों से जुड़े चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी और कॉस्ट अकाउंटेंट जैसे प्रफेशनल्स की भी पहचान की गई है।
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