नई दिल्ली। जरूरतमंदों तक एलपीजी सब्सिडी पहुंचाने की कवायद मोदी सरकार तेज कर दी है। इसी कड़ी में सरकार गैस सब्सिडी के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी जमा कराना अनिवार्य कर सकती है। प्रस्ताव के मुताबिक उपभोक्ता को सब्सिडी तभी मिलेगी जब वह आईटीआर की कॉपी जमा करेगा। दरअसल, केंद्र सरकार की ‘गिव इट अप’ स्कीम को बहुत ज्यादा कामयाब नहीं मिली है। ऐसे में पेट्रोलियम मंत्रालय ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) से मंत्रालय से नई व्यवस्था करने के लिए कहा है। इससे उन लोगों की पहचान करने में आसानी होगी, जिनकी सलाना आय 10 लाख रुपए से अधिक है।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने सीबीडीटी को लिखा पत्र
पेट्रोलियम मंत्रालय ने पिछले हफ्ते सीबीडीटी को लिखा था कि ‘एलपीजी उपभोक्ताओं की टैक्सेबल इनकम की जानकारी रसोई गैस पर सब्सिडी लागू करने को लेकर काफी महत्वपूर्ण है। इसके जरिए ज्यादा कमाई करने वाले सब्सिडी का लाभ नहीं ले सकेंगे। इस पत्र में यह अनुरोध भी किया गया है कि ‘मंत्रालय को आयकर अधिनियम की धारा 138 के तहत अधिसूचित किया जाए, जिससे जनता के हित में रसोई गैस उपभोक्ताओं की कर योग्य आय से संबंधित जानकारी पेट्रोलियम मंत्रालय को प्राप्त हो सके।
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आयकर विभाग से मांगी जानकारी
इस पत्र में यह अनुरोध भी किया गया है कि ‘मंत्रालय को आयकर अधिनियम की धारा 138 के तहत अधिसूचित किया जाए जिससे जनता के हित में रसोई गैस उपभोक्ताओं की कर योग्य आय से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सके। ‘ आईटी अधिनियम के तहत आयकर विभाग को आय विवरण की जानकारी देने की मनाही है, जब तक कि केंद्र सरकार किसी अधिकारी, प्राधिकारी को कानून के तहत अपने काम के लिए इस जानकारी को हासिल करने की अनुमति नहीं देती। आपको बता दें कि आईटी अधिनियम के तहत आयकर विभाग को आय विवरण की जानकारी देने की मनाही है।
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