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Hindi News पैसा बिज़नेस MSME के लिए 20,000 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी स्कीम की शुरुआत हुई

MSME के लिए 20,000 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी स्कीम की शुरुआत हुई

दबाब का सामना कर रहे छोटे और सूक्ष्म उद्योगों की मदद के लिए योजना

<p class="MsoNormal" style="background: white;"><span...- India TV Paisa Image Source : PTI (FILE) MSME Minister

नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को दबाव झेल रहे दो लाख सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को अतिरिक्त कर्ज सुविधा उपलब्ध कराने में गारंटी कवर के लिये 20,000 करोड़ रुपये की कर्ज गारंटी योजना की शुरुआत की। यह वित्तपोषण योजना उन एमएसएमई की मदद के लिये शुरू की गई है जो काफी दबाव में हैं और बैंकों ने उन्हें गैर- निष्पादित संपत्ति (एनपीए) की श्रेणी में डाल दिया है। ऐसे दबाव झेल रहे एमएसएमई के प्रवर्तकों को अतिरिक्त कर्ज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है।

योजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये का गारंटी कवर ऐसे प्रवर्तकों को उपलब्ध कराया जायेगा जो कि अपनी कर्ज में फंसी एमएसएमई इकाई में इक्विटी के रूप में और निवेश कर सकते हैं और उसके लिये बैंकों से कर्ज लेना चाहते हैं। एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘ऐसा महसूस किया गया कि दबाव के दौर से गुजर रही एमएसएमई के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती कर्ज अथवा इक्विटी के तौर पर पूंजी प्राप्त करने को लेकर है। इस स्थिति को देखते हुये 13 मई 2020 को जारी आत्मनिर्भर पैकेज के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिचालन में बने लेकिन दबाव झेल रहे एमएसएमई के लिये एक योजना की घोषणा की जिसके तहत उनके प्रवर्तकों को उनके पुराने कर्ज के समक्ष अतिरिक्त छोटा कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा।’’

योजना को लेकर तमाम जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की मंजूरी और वित्त मंत्रालय, सिडबी और रिजर्व बैंक के साथ विचार विमर्श करने के बाद गडकरी ने योजना को नागपुर में औपचारिक तौर पर जारी किया। योजना के तहत उन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को कामकाज आगे बढ़ाने के लिये कर्ज सहायता उपलब्ध होगी जिनका खाता 30 अप्रैल 2020 को एनपीए हो गया और वह दबाव में हैं। ऐसे एमएसएमई के प्रवर्तकों को उनकी इक्विटी जमा कर्ज हिस्सेदारी के 15 प्रतिशत के बराबर या फिर 75 लाख रुपये जो भी कम राशि होगी, उसके बराबर अतिरिक्त छोटा कर्ज दिया जायेगा। इस कर्ज को प्रवर्तक उद्यम में इक्विटी निवेश के तौर पर डालेंगे जिससे की उस उपक्रम के कर्ज- इक्विटी अनुपात में सुधार आयेगा। योजना के तहत कर्ज पर 90 प्रतिशत गारंटी कवर सरकार की तरफ से दिया जायेगा जबकि शेष 10 प्रतिशत प्रवर्तक की तरफ से दिया जायेगा। इस योजना में सात साल तक मूल धन के लौटाने पर रोक होगी जबकि अधिकतम 10 साल में यह कर्ज लौटाना होगा।

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