नई दिल्ली। सरकार उपभोक्ताओं के फायदे हुए एक रूपरेखा बनाने के लिए दवा व कॉस्मेटिक कानून 1940 में संशोधन पर काम कर रही है, क्योंकि मौजूदा कानून में ऑनलाइन व ऑफलाइन औषधालयों में कोई अंतर नहीं तय किया गया है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के बी अग्रवाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ई फार्मेसी के आगमन के साथ, दवा व कास्मेटिक कानून 1940 में संशोधन की जरूरत है क्योंकि यह ऑफलाइन व ऑनलाइन फार्मेसी के बीच अंतर तय नहीं करता है। उन्होंने कहा, सरकार को मसले की जानकारी है और वह मौजूदा कानून में संशोधन पर काम कर रही है ताकि ऐसा खाका तैयार किया जा सके जिससे उपभोक्ताओं को फायदा हो। वे यहां उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
अग्रवाल ने कहा कि ई-फार्मेसी से चौबीसों घंटे दवाओं की आसान उपलब्धता सुनिश्चित होगी लेकिन ई फार्मेसी की वैधता, रोगियों की सुरक्षा तथा निजता के मुद्दे पर चिंताए हैं। इसके अलावा ई फार्मेसी के दुरूपयोग तथा खुदरा कारोबार पर इसके प्रतिकूल असर का मुद्दा भी है। उन्होंने कहा कि सूचना की गोपनीयता सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हो रही है और सुझावों को शीघ्र ही विचार विमर्श के लिए रखा जाएगा।
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