नई दिल्ली। सरकार ने एनएमडीसी की 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने में मदद करने के लिए मर्चेंट बैंकरों से बोली आमंत्रित की है। इससे सरकारी खजाने में करीब 3,900 करोड़ रुपए आ सकते हैं। सरकार भारत के सबसे बड़े लौह-अयस्क उत्पादक एनएमडीसी की हिस्सेदारी बिक्री के प्रबंधन के लिए चार मर्चेंट बैंकरों का चुनाव करेगी।
निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) द्वारा जारी रचि पत्र के मुताबिक मर्चेंट बैंकरों के लिए बोली सौंपने की आखिरी तारीख 16 मई है। मौजूदा 100.20 रुपए प्रति शेयर के बाजार मूल्य के आधार पर 39.64 करोड़ शेयरों की बिक्री के जरिए सरकारी खजाने में करीब 3,900 करोड़ रुपए आएंगे सरकार की इस सार्वजनिक उपक्रम में फिलहाल 80 फीसदी हिस्सेदारी है।
सरकार एनएमडीसी के कर्मचारियों को पेशकश मूल्य के पांच प्रतिशत रियायत के आधार पर शेयरों का आवंटन करेगी। कर्मचारी दो लाख रपए तक के शेयर के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस्पात मंत्रालय के तहत आने वाली कंपनी मुख्य तौर पर लौह अयस्क खनन कारोबार से जुड़ी हुई है लेकिन वह इस्पात और अन्य मूल्यवद्रि्धत उत्पादों के उत्पादन क्षेत्र में भी अपना विस्तार कर रही है।
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