नई दिल्ली। दालों की आसमान छूती कीमतों का सामना कर रही केंद्र सरकार ने गुरुवार को रबी सीजन के लिए दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में जोरदार वृद्धि की है। रबी सीजन के दौरान देश में दालों का रकबा बढ़ाने और किसानों को दालों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने मसूर और चना दाल के एमएसपी में 250 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा किया है। दालों का एमएसपी बढ़ाकर सरकार जहां एक ओर देश में इसका उत्पादन बढ़ाना चाहती है, वहीं दूसरी ओर आयात पर निर्भरता कम करना चाहती है। एमएसपी के अलावा आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने चना और मसूर दाल पर 75 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने पर भी मुहर लगा दी है। बिजली मंत्री पियूष गोयल ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि सरकार ने रबी सीजन 2015-16 के लिए गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और सूरजमुखी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की है।
किसकी बढ़ी कितनी एमएसपी
आयात पर बढ़ती दाल की निर्भरता
डिस्कॉम के ऋण पुर्नगठन को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने राज्यों की बिजली वितरण इकाइयों के ऋण के पुनर्गठन को भी अपनी मंजूरी दी है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु तथा हरियाणा की डिस्काम सबसे अधिक घाटे में हैं। कैबिनेट के निर्णय के मुताबिक 2019 तक डिस्कॉम के घाटे को जीरो पर लाया जाएगा। अब तक डिस्कॉम पर 4.93 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। इसके लिए सरकार ने उदय कार्यक्रम की घोषणा की है। पैकेज के तहत 30 सितंबर 2015 तक का डिस्कॉम का लोन राज्य सरकार टेकओवर करेंगी। राज्य सरकारों को 50 फीसदी लोन मार्च 2016 तक और 25 फीसदी लोन मार्च 2017 तक टेकओवर करना होगा। इसके साथ ही डिस्कॉम को हर तिमाही में अपना टैरिफ रिवाइज करना होगा।
अन्य फैसले
इसके अलावा आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पीडीएस के जरिये बीपीएल और एपीएल परिवारों को 27 लाख टन अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने माइलैन के मुंबई की जय फार्मा की फैमी केयर के 75 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
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