सोना-चांदी के आयात के लिए पूर्व अनुमति जरूरी, सरकार ने स्वर्ण मौद्रिकरण योजना के लिए मांगे सुझाव
सरकार ने बुधवार को सोने और चांदी का बिना अनुमति आयात किए जाने पर पाबंदियां लगा दी हैं। साथ ही स्वर्ण मौद्रिकरण योजना में सुधार को लेकर आभूषण उद्योग से सुझाव देने को कहा है।
नयी दिल्ली। सरकार ने बुधवार को सोने और चांदी का बिना अनुमति आयात किए जाने पर पाबंदियां लगा दी हैं। मूल्यवान धातु के आयात में उछाल के बीच इनके मुक्त आयात पर रोक लगाने का यह कदम उठाया गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय की अधिसूचना के अनुसार, किसी भी रूप में सोने के आयात को मुक्त श्रेणी से 'प्रतिबंधित' श्रेणी में रखा गया है।
महानिदेशालय ने कहा, 'किसी भी रूप से सोने (मौद्रिक उद्येश्यों को छोड़कर) और चांदी के आयात की नीति में बदलाव किया जाता है। इसके तहत आयात को मुक्त श्रेणी से प्रतिबंधित श्रेणी में किया जाता है। आयात की अनुमति बैंकों के मामले में आरबीआई तथा अन्य एजेंसियों के मामले में डीजीएफटी द्वारा अधिसूचित केवल नामित एजेंसियों के जरिये ही होगी।'
हालांकि अग्रिम लाइसेंस के तहत आयात और विदेशी खरीदारों द्वारा निर्यातकों को सीधे सोने की आपूर्ति को इस आदेश से छूट दी गयी है। सोने के बढ़ते आयात के बीच यह पाबंदी लगायी गयी है। यह नवंबर महीने में 6.59 प्रतिशत बढ़कर 2.94 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी महीने में 2.76 अरब डॉलर था।
सरकार ने स्वर्ण मौद्रिकरण योजना में सुधार लाने के लिये उद्योग से सुझाव मांगा
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को स्वर्ण मौद्रिकरण योजना में सुधार को लेकर आभूषण उद्योग से सुझाव देने को कहा। इस योजना का मकसद घरों में निष्क्रिय पड़े सोने का उत्पादक कार्यों में उपयोग करना है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा आयोजित पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए वाणिज्य मंत्री ने कहा कि निष्क्रिय पड़े सोने के उत्पादक कार्यों में उपयोग से आयात के कारण विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ रहे बोझ को कम किया जा सकता है।
बता दें कि सरकार ने 2015 में स्वर्ण मौद्रिककरण योजना की शुरू की थी। हालांकि कम रिटर्न और सुरक्षा चिंताओं के कारण योजना को अच्छी प्रतिक्रया नहीं मिली। योजना के तहत बैंक निश्चित अविधि के लिये ग्राहकों को सोना जमा करने की अनुमति देता है। इस पर 2.25 प्रतिशत से 2.50 प्रतिशत ब्याज मिलता है। गोयल ने कहा, 'मुझे लगता है कि लोगों की तिजोड़ी में बड़ी मात्रा में सोना निष्क्रिय पड़ा है। इससे न तो कोई रिटर्न मिलता है न ही अर्थव्यवस्था को लाभ होता है। मैं आप सभी से चाहूंगा कि ऐसी योजना बनाने में मदद करें जिससे इस योजना के प्रति आकर्षण बढ़े और लोग घरों में पड़े सोने को बैंकों में जमा करें।'
उन्होंने कहा कि हमारा मकसद लोगों को निष्क्रिय पड़े सोने को बैंकों में जमा करने के लिये प्रोत्साहित करना और उस पर आय प्राप्त करना होना चाहिए। वे मियादी जमा की तरह सोना रख सकते हैं और उसमें मूल्य वृद्धि के साथ कुछ रिटर्न हासिल कर सकते हैं। मंत्री ने उद्योग से मौजूदा योजना की खामियों के बारे में बताने और उसमें सुधार लाने के बारे में सुझाव देने को कहा।