नई दिल्ली। केन्द्र सरकार से मोबाइल फोन के जरिये व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिये सरकार के पास तकनीकी आधार पर सीमित अधिकार होने की मजबूरी जताई है। केन्द्रीय सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
मोबाइल फोन से आपत्तिजनक वीडियो अपलोड करके व्हाट्सएप के जरिये साझाा किये जाने के मामलों में बढ़ोतरी और इसे रोकने के लिये सरकार द्वारा किये जा रहे उपायों के बारे में कांग्रेस सदस्य राज बब्बर द्वारा पूछे गये एक सवाल के लिखित जवाब में प्रसाद ने कहा कि इस तरह की घटनाएं सरकार के संग्यान में आयी हैं। लेकिन व्हाट्सएप के संदेश सिर्फ भेजने वाले और प्राप्त करने वाले के बीच ही साझाा किये जा सकने की तकनीकी बाध्यता के कारण संबद्ध एजेंसियों के पास साझाा की जा रही आपत्तिजनक सामग्रियों की सीधे तौर पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप में किसी भी आपत्तिजनक सूचना सामग्री को रिपोर्ट करने की विशेषता उपलब्ध है। फिर भी चूंकि संदेशों की सूचना सामग्री उनके पास उपलब्ध नहीं होती है। इसलिये कार्यवाही करने के लिये क्षमता सीमित हो जाती है। प्रसाद ने इस बाबत उपयोगकर्ताओं से आपत्तिजनक सूचना सामग्री का स्क्रीनशॉट लेकर सक्षम अधिकारियों के साथ इसे साझाा करने का सुझााव दिया जिससे इस पर सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 के विभिन्न प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा सकेगी।
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