नई दिल्ली। जमाखोरी और महंगाई पर अंकुश लगाए रखने के लिए सरकार ने व्यापारियों पर दाल-दलहनों, तेल-लिहन के स्टॉक लिमिट संबंधी आदेश की मियाद एक वर्ष के लिए और बढ़ा दी है।
यह आदेश 30 सितंबर 2017 तक लागू रहेगा। इस संदर्भ में फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इन आवश्यक जिंसों के मामले में स्टॉक सीमा संबंधी पिछले आदेश की अवधि इसी माह के अंत में समाप्त होने जा रही थी।
खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा,
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दाल-दलहन और तेल-तिलहनों के स्टॉक की सीमा लागू करने संबंधी आदेश की समयावधि को एक वर्ष, यानी 30 सितंबर 2017 तक के लिए बढ़ा दिया है। कुल मिला कर राज्य सरकारें इन जिंसों पर स्टॉक नियंत्रण आदेश लागू करने के पक्ष में रही हैं। इस कदम से इन जिसों की आपूर्ति सामान्य रखने में मदद मिलेगी और राज्य सरकारों को जमाखोरी खिलाफ कार्रवाई करने का मौका मिलेगा।
- राज्य सरकारें आयातकों, मिल मालिकों, थोक विक्रेताओं और फुटकर विक्रेताओं पर आवश्यकता के अनुसार केंद्र सरकार की सहमति से स्टॉक नियंत्रण आदेश जारी कर सकती हैं।
- स्टॉक रखने की सीमा को जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत लागू किया जाता है।
- भारत को अपनी जरूरत पूरा करने के लिए खाद्य तेलों और दलहनों का आयात करना पड़ता है क्योंकि मांग की तुलना में इनका घरेलू उत्पादन कम है।
- सूखे के कारण पिछले दो वर्षो में घरेलू उत्पादन में कमी के कारण खुदरा बाजारों में दलहनों की कीमतें अभी भी तेज बनी हुई हैं।
दालों के थोक भाव (21 सितंबर, नई दिल्ली)
दाल थोक भाव(प्रति क्विंटल)
उड़द 7400-9000 रुपए
उड़द छिलका 7900-8000 रुपए
मूंग 5000-5700 रुपए
दाल मूंग छिलका 5500-5900 रुपए
मूंग धोया 6100-6600 रुपए
दाल मसूर 6150-6650 रुपए
दाल अरहर दड़ा 9300-11,100 रुपए
चना दाल 9800-10,000 रुपए
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