नई दिल्ली। पूंजी बाजार में भारी उतार चढ़ाव के बीच निरंतरता की जरूरत को देखते हुए सरकार ने बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन यूके सिन्हा को एक और कार्यकाल देने का फैसला किया हैं। सेबी चेयरमैन पद के लिए प्रमुख नौकरशाह, विख्यात बैंकर तथा RBI के वरिष्ठ अधिकारियों ने आवेदन किया था। गौरतलब है कि सिन्हा सबसे पहले 18 फरवरी 2011 को तीन साल के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन बने थे। बाद में उनका कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया गया। इस साल फरवरी में उनका कार्यकाल समाप्त होने के कुछ ही दिन पहले उन्हें एक मार्च 2017 तक कार्यकाल का विस्तार दे दिया गया।
एक RTI आवेदन के जवाब में यह खुलासा किया गया है। इसके अनुसार सरकार ने सिन्हा के उत्तराधिकारी के लिए जुलाई 2015 में प्रक्रिया शुरु की। उसे लगभग 50 आवेदन मिले जिनमें से सात को छांटा गया। छांटे गए सात नामों में SBI की चेयरपर्सन अरूंधति भट्टाचार्य भी शामिल थीं। अन्य नामों में राष्ट्रपति के अतिरिक्त सचिव थॉमस मैथ्यू, पूर्व वायदा बाजार आयोग के प्रमुख रमेश अभिषेक, सेबी के पूर्ण कालिक सदस्य राजीव कुमार अग्रवाल, प्रतिस्पर्धा आयोग के सदस्य एमएस साहू भी शामिल थे। सेबी के नए चेयरमैन के चयन की प्रक्रिया के दौरान ही यह फैसला किया गया कि सिन्हा को एक और कार्यकाल दिया जाना चाहिए क्योंकि वे 65 साल तक की आयु के लिए इस पद पर बने रह सकते हैं।
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