2017 में भी FDI प्रवाह में बनी रहेगी गति, सरकार ने जताई अपनी उम्मीद
सरकार देश के ढांचागत क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी FDI में वर्ष 2016 में किए गए सुधारों के आधार पर FDI प्रवाह अगले साल भी बेहतर रहने की उम्मीद कर रही है।
नई दिल्ली। सरकार देश के ढांचागत क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI ) में वर्ष 2016 में किए गए सुधारों के आधार पर FDI प्रवाह अगले साल भी बेहतर रहने की उम्मीद कर रही है। इस वर्ष जनवरी से सितंबर के दौरान एफडीआई प्रवाह 21 प्रतिशत बढ़कर 32.18 अरब डॉलर रहा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा,
मुझे पूरा भरोसा है कि एफडीआई की गति बनी रहेगी। मुझे लगता है कि कई क्षेत्र हैं जहां चीजें आगे बढ़ने को तैयार हैं, आप 2017 में ठोस नतीजे देख सकते हैं। रक्षा और चिकित्सा उपकरण समेत प्रमुख क्षेत्रों में चीजें आगे बढ़ रही हैं।
मंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि 2017 के मध्य से आप उन क्षेत्रों में भी कुछ विकास देखेंगे क्योंकि कई क्षेत्रों खासकर रक्षा और रेलवे जैसे क्षेत्रों में नीतियों को उदार बनाया गया है। इन क्षेत्रों में निवेश आने में थोड़ा वक्त लगता है, क्योंकि एक तो इसमें बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत होती है और साथ ही वे प्रौद्योगिकी भी लाते हैं।
- इस साल जिन क्षेत्रों में सर्वाधिक एफडीआई आकर्षित हुआ, उसमें कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, वाहन तथा ट्रेडिंग शामिल हैं।
- भारत में एफडीआई का प्रमुख स्रोत मॉरीशस है। उसके बाद क्रमश: सिंगापुर, ब्रिटेन, जापान, नीदरलैंड तथा अमेरिका का स्थान रहा।
- सरकार ने देश में अनुकूल माहौल सृजित करने तथा निवेश आकर्षित करने के लिए कई क्षेत्रों में एफडीआई सीमा में बदलाव किया।
- नागर विमानन तथा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी है, जबकि रक्षा तथा औषधि क्षेत्रों में नियमों को उदार बनाया गया।
- एकल ब्रांड खुदरा कारोबार के लिए स्थानीय खरीद नीति को कड़ा किया गया, जबकि प्रसारण कैरिज सेवा, निजी सुरक्षा एजेंसियों तथा पशुपालन के मामले में शर्तों को उदार बनाया गया।
- रक्षा क्षेत्र में नीति को बदलते हुए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी तक पहुंच की शर्त को खत्म कर 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई।
- अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी शर्त की जगह आधुनिक या अन्य कारणों को जोड़ा गया। इससे विदेशी कंपनियों द्वारा निवेश की गुंजाइश बढ़ी है।
- एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने ई-कॉमर्स खुदरा के मार्केटप्लेस प्रारूप में स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी।
- निवेशकों के लिए बेहतर कारोबारी माहौल उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन बोर्ड ने व्यापार सुगमता के लिए कई कदम उठाए।
- हालांकि विश्वबैंक की व्यापार सुगमता पर रिपोर्ट में भारत इस साल भी 190 देशों की सूची में 130वें स्थान पर बना हुआ है।
- प्रधानमंत्री ने इस मामले में शीर्ष 50 में आने का लक्ष्य रखा है।
- देश के लिए एफडीआई महत्वपूर्ण है क्योंकि बंदरगाह, हवाईअड्डे और राजमार्गों समेत बुनियादी ढांचा के विकास के लिए 1,000 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत है।