नई दिल्ली। महंगाई पर अंकुश लगाने के इरादे से सरकार ने माप पद्धति नियमों में बदलाव किया है। इससे असाधारण परिस्थितियों में वह दलहन और चीनी जैसे आवश्यक जिंसों का रिटेल दाम तय कर सकेगी। मौजूदा व्यवस्था में रिटेल कीमतें बाजार ताकतों द्वारा निर्धारित की जाती हैं। ऐसे में सरकार के पास कीमतों में अचानक हुई वृद्धि पर रोक के लिए अधिक गुंजाइश नहीं बचती।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने पहले ही वैध माप पद्धति (पैकेटबंद जिंस) नियमों, 2011 में संशोधनों को अधिसूचित कर दिया है। इसमें आवश्यक जिंस का रिटेल मूल्य तय करने का प्रावधान शामिल किया गया है।
- यह नियम उन आवश्यक जिंसों पर लागू होगा जिन्हें खुला तथा पैकेटबंद दोनों में खुदरा बाजारों में बेचा जाता है।
- यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार आवश्यक जिंसों का खुदरा दाम दैनिक आधार पर तय करेगी, अधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं है।
- यह सिर्फ असामान्य परिस्थितियों में होगा, जबकि खुदरा कीमतों में असामान्य बढ़ोतरी दिखाई देगी।
- फिलहाल अभी तक थोक कारोबारियों तथा आयातकों पर नियंत्रण के उपाय थे, रिटेलरों पर नहीं।
- इस प्रावधान से सरकार को उपभोक्ताओं के हितों में अग्रसारी कदम उठाने में मदद मिलेगी।
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