नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि पिछले 18 दिनों में 4.80 लाख किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 10,500 करोड़ रुपये का लगभग 55.61 लाख टन खरीफ धान खरीदा गया है। मंडियों में फसल के जल्दी आवक के कारण 26 सितंबर से पंजाब और हरियाणा में धान की खरीद शुरू हुई, जबकि अन्य राज्यों में यह काम एक अक्टूबर से शुरू हुआ। देश के 80 प्रतिशत से अधिक धान की फसल खरीफ मौसम में उगाई जाती है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियों के माध्यम से सरकार एमएसपी पर धान की खरीद का कार्य करती है।
खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘एफसीआई और अन्य सरकारी एजेंसियों के माध्यम से वर्ष 2020-21 के खरीफ विपणन सत्र के दौरान धान खरीद पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, केरल और जम्मू-कश्मीर जैसे कुछ स्थानों में तेजी से बढ़ी है।’’ बयान में बताया गया कि 13 अक्टूबर तक, 10,501 करोड़ रुपये एमएसपी मूल्य पर लगभग 55.61 लाख टन धान खरीदा गया था। चालू वर्ष के लिए, केंद्र ने सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 1,868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि धान के ए ग्रेड किस्म का एमएसपी 1,888 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।
वहीं भारतीय कपास निगम ने 13 अक्टूबर तक 13,077 किसानों से 178.60 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर कपास के 63,262 गांठों की खरीद की है। इसके अलावा, नोडल एजेंसियों के माध्यम से सरकार मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत एमएसपी पर दालों और तिलहन की खरीद कर रही है। हरियाणा, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में 10 अक्टूबर तक 611 किसानों से लगभग 669.74 टन मूंग और उड़द की, 4.82 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर खरीद की गई है। इसी प्रकार, कर्नाटक और तमिलनाडु में 3,961 किसानों से 5,089 टन नारियल गरी 52.40 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर खरीदा गया है। सरकार अब दैनिक आधार पर खरीद का आंकड़ा जारी कर, नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसानों को संदेश देना चाहती है कि उसका एमएसपी पर की जाने वाली खरीद को समाप्त करने का कोई इरादा नहीं है।
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