सरकार ने Air India के लिए वित्तीय बोलियों का मूल्याकंन किया शुरू, दौड़ में टाटा सबसे आगे
टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था। सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण कर दिया।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया (Air India) के निजीकरण की प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। केंद्र सरकार ने एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए टाटा समूह और स्पाइसजेट के संस्थापक द्वारा जमा कराई गईं वित्तीय बोलियों का मूल्यांकन शुरू कर दिया है। सरकार सौदे को जल्दी पूरा करने की इच्छुक है। सरकार 15 अक्टूबर तक विजयी बोलीदाता की घोषणा भी कर सकती है। अघोषित आरक्षित मूल्य के आधार पर वित्तीय बोलियों का मूल्यांकन किया जा रहा है। जिस बोली में मानक मूल्य से अधिक कीमत पेश की गई होगी, उसे स्वीकार किया जाएगा। टाटा की बोली अगर सफल होती है तो एयर इंडिया 67 साल बाद नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले समूह के पास वापस चली जाएगी। सूत्रों के मुताबिक अभी तक टाटा ग्रुप को ही इस दौड़ में सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था। सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण कर दिया। टाटा पहले से सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर विमानन सेवा विस्तार का परिचालन कर रही है। अभी यह साफ नहीं है कि समूह ने स्वयं या एयर एशिया इंडिया के जरिये बोली लगाई है। ऐसा कहा जाता है कि सिंगापुर एयरलाइंस निजीकरण की प्रक्रिया में शामिल होने को लेकर उत्सुक नहीं है। सरकार एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। इसमें एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एआई एक्सप्रेस लि.और 50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. शामिल हैं।
डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट (दीपम) द्वारा जनवरी 2020 में जारी अभिरुचि पत्र में कहा गया है कि एयरलाइन पर 31 मार्च, 2019 तक कुल 60,074 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था। नए खरीदार को 23,286.5 करोड़ रुपये का कर्ज वहन करना होगा। शेष कर्ज को एक स्पेशल पर्पज व्हीकल एयर इंडिया असेट होल्डिंग लिमिटेड को ट्रांसफर किया जाएगा। एयरइंडिया 2007 से ही घाटे में चल रही है, जब इसका विलय घरेलू परिचालक इंडियन एयरलाइंस के साथ किया गया था।
बोली जीतने वाले सफल ग्राहक को घरेलू एयरपोर्ट पर 4400 घरेलू और 1800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट के साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर 900 स्टॉल का नियंत्रण भी हासिल होगा। इसके अलावा सफल खरीदार को एयर इंडिया एक्सप्रेस की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एआईएसएटीएस की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भी हासिल होगी, जो प्रमुख भारतीय एयरपोर्ट पर कार्गो एवं ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस प्रदान करती है।
इंडिगो कानपुर को कई शहरों से जोड़ने वाली सीधी उड़ानें शुरू करेगी
निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी इंडिगो कानपुर को दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु और मुंबई से जोड़ने वाली सीधी उड़ानें शुरू करेगी। कंपनी ने बताया कि कानपुर उसके घरेलू नेटवर्क से जुड़ने वाला 71वां गंतव्य है। इंडिगो ने एक बयान में कहा कि कंपनी 31 अक्टूबर, 2021 से कानपुर और दिल्ली के बीच सीधी उड़ान शुरू करेगी जबकि एक नवंबर, 2021 से कानपुर-हैदराबाद, कानपुर-बेंगलुरु और कानपुर-मुंबई के बीच सीधी उड़ानों की पेशकश की जाएगी।
इस बीच नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर कहा कि घरेलू विमानन कंपनी इंडिगो 31 अक्टूबर से दिल्ली-भोपाल के बीच उड़ानें शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि इससे यात्रियों को आसानी होगी।
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