नयी दिल्ली। सरकार ने सहकारी बैंकों को नयी कर माफी योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना PMGKY के तहत जमाएं स्वीकार करने से रोक दिया है। सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जबकि आयकर विभाग नोटबंदी के बाद इनमें गड़बडि़यों को पकड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी के बाद अघोषित नकदी रखने वालों के लिए एक आय घोषणा योजना पेश की है। इसके तहत अघोषित धन सम्पत्ति का 50 प्रतिशत कर चुकाना होगा और बची राशि का एक चौथाई हिस्सा चार साल के लिए सरकार द्वारा घोषित इस खास योजना में जमा करवाना होगा जिस पर ब्याज नहीं दिया जाएगा।
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शुरू में यह प्रावधान था कि इस योजना के तहत किसी भी बैंक में जमा करवाई जा सकती हैं। लेकिन अब सहकारी बैंकों को इस तरह की जमाएं लेने से रोक दिया गया है। पीएमजीकेवाई योजना 31 मार्च तक खुली है।
सरकार ने इस बारे में अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा गया है कि बैंकिंग नियमन कानून 1949 के तहत सहकारी बैंकों को छोड़कर कोई भी बैंकिंग कंपनी बांड लेजर खाता के रूप में इस योजना के तहत जमा हेतु आवेदन स्वीकार कर सकती है।
योजना के तहत अघोषित नकदी रखने वाला जो इस योजना का लाभ लेना चाहता है उसे पहले कर राशि जमा करवाकर उसके बाद बैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए चालान फार्म के जरिए चार साल की जमा योजना में घन जमा करने का आवेदन करना होगा।
आठ नवंबर को 1000 और 5000 रपए मूल्य के नोटों पर पाबंदी की घोषणा के बाद कुछ दिन तक सहकारी बैंकों को भी पुराने नोट बदलने और जमा करने की छूट थी और उनमें 16,़000 करोड़ रपए के नोट जमा किए गए । छह दिन बाद उन पर पाबंदी लगा दी गयी थी।
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