नयी दिल्ली। वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि आम बजट 2019-20 में सोने एवं अन्य महंगी धातुओं पर आयात शुल्क बढ़ाने का निर्णय पूरी तरह सोच-समझकर किया गया है। इसे बढ़ाते समय सोने की तस्करी के जोखिम का भी आकलन किया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने शुक्रवार को पेश आम बजट में सोने एवं अन्य बहुमूल्य धातुओं पर आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है।
वित्त सचिव गर्ग ने कहा कि यह निर्णय बहुत सोच विचारकर किया गया है। सरकार ने इसकी तस्करी के पहलू का भी आकलन किया है।
रत्न एवं आभूषण उद्योग ने शुल्क बढ़ाने के निर्णय पर निराशा जतायी है। उद्योग संगठनों का कहना है कि इससे उद्योग प्रभावित होगा और गैर-कानूनी कारोबार बढ़ने का भी जोखिम है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के चेयरमैन एन. अनंत पद्मनाभन ने कहा कि आयात शुल्क और माल एवं सेवाकर (जीएसटी) बढ़ने से सोने के दाम 15.5 प्रतिशत तक बढ़ेंगे। इससे सोने का गैर-कानूनी कारोबार 30 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका है।
विश्व स्वर्ण परिषद के भारतीय परिचालन के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पी.आर. ने कहा कि सोने का गैर-कानूनी कारोबार बढ़ेगा और नकद लेनदेन कम करने के सरकार के प्रयासों की सफलता पर असर पड़ेगा। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल का कहना है कि इस वजह से स्थानीय कारोबारियों को अपना कारोबार पड़ोसी देशों में ले जाने पर मजबूर होना पड़ेगा। भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा आयातक है। वित्त वर्ष 2018-19 में देश में 32.8 अरब डॉलर के सोने का आयात हुआ।
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