नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने 33 लाख कर्मचारियों के लिए दो साल के बोनस की घोषणा कर दिवाली से पहले ही तोहफा दे दिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बोनस की घोषणा की, जो पिछले दो सालों से बकाया था। जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 2014-15 और 2015-16 का बोनस संशोधित मानदंडों के आधार पर जारी किया जाएगा। इसके बाद बोनस को सातवें वेतन आयोग के तहत दिया जाएगा।
सरकार ने सलाहकार बोर्ड की सिफारिश स्वीकार करते हुए गैर-कृषि कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन 350 रुपए प्रतिदिन तय करने की घोषणा की है, जो इस समय 246 रुपए प्रतिदिन है। गैर-कृषि कामगारों के न्यूनतम वेतन में 42 फीसदी का इजाफा किया गया है। सरकार ने यह घोषणा 2 सितंबर को श्रमिक यूनियनों की होने वाली राष्ट्रीय हड़ताल से पहले की है। वित्त मंत्री ने आगे बताया कि केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि ठेका श्रमिक कानून (Contract workers law) के अनुपालन के लिए सभी राज्यों को पत्र लिखा जाएगा।
स्वयंसेवक और सरकार के बीच में कोई कर्मचारी या नियोक्ता का संबंध नहीं होता है, लेकिन ये लोग सरकार के कई काम करते हैं। इनकी कुछ मांगे थीं, जिनमें से एक मांग थी कि सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजना में इन्हें भी शामिल किया जाए। ये स्वयंसेवक में आंगनबाड़ी, आशा, मिड डे मील आदि में कार्यरत हैं। जेटली ने कहा कि इस संबंध में एक कमेटी का गठन किए जाने का फैसला किया गया है। यह कमेटी इस बात का निर्धारण करेगी कि सामाजिक सुरक्षा योजना को स्वयंसेवकों तक पहुंचाने में राज्यों की कितनी हिस्सेदारी होगी और स्वयंसेवकों की कितनी।
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