भूटान का आलू खाएंगे भारतीय, बिना लाइसेंस के होगा इंपोर्ट
कॉमर्स मिनिस्ट्री के द्वारा जारी आदेश के मुताबिक ताजे या फ्रीज किये गये आलू को भूटान से बिना किसी लाइसेंस के 30 जून 2022 तक आयात किया जा सकता है।
नई दिल्ली। एक बार फिर देश के बाजारों में भूटान से आये आलू मिलने लगेंगे। सरकार ने भूटान से आलू के आसान आयात को लेकर मंजूरी दे दी है। कॉमर्स मिनिस्ट्री के द्वारा जारी सूचना के मुताबिक भूटान में उत्पादित आलू अगले एक साल के लिये बिना लाइसेंस भारत में आयात किये जा सकेंगे। दरअसल पिछले साल मॉनसून के बाद फेस्टिव सीजन से ठीक पहले आलू की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिये सरकार ने भूटान से आयात बढ़ा दिया था। इस बार सरकार पहले ही कीमतों को लेकर सतर्क है और किसी भी संभावित बढ़त से निपटने के लिये पहले ही कदम उठाने शुरू कर दिये हैं।
क्या है सरकार का फैसला
कॉमर्स मिनिस्ट्री के द्वारा जारी आदेश के मुताबिक ताजे या फ्रीज किये गये आलू को भूटान से बिना किसी लाइसेंस के 30 जून 2022 तक आयात किया जा सकता है। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर से 31 जनवरी 2021 तक बिना लाइसेंस आलू के आयात की अनुमति थी। दरअसल बीते साल अक्टूबर के दौरान आलू की कीमतों में बढ़त देखने को मिली थी, जिससे निपटने के लिये सरकार ने आलू का आयात बढ़ा दिया था। आलू मुख्यता सर्दी की फसल है और रबी सीजन में उत्पादित आलू देश में कुल उत्पादित आलू का 85 से 90 प्रतिशत तक है। वहीं मार्च अप्रैल में उत्पादित आलू का अधिकांश हिस्सा कोल्ड स्टोरेज में चला जाता है , जो नवंबर तक नई फसल आने के आने से पहले तक खपत किया जाता है। इसी वजह से अक्सर मॉनसून के बढ़ने के साथ कीमतों में बढ़त देखने को मिलती है और नई फसल में देरी या उत्पादन में असर पड़ने से कीमतें अनियंत्रित होने लगती है। इसकी को देखते हुए सरकार पहले ही आलू प्याज आदि का भंडारण आयात के जरिये बढ़ाने लगते हैं जिससे कीमतों पर नियंत्रिण रखा जा सके।
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश है भारत
भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में सालाना करीब 5 करोड़ टन आलू की पैदावार होती है। वहीं देश में आलू की खपत करीब 3.5 करोड़ टन है। देश में सबसे ज्यादा आलू उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब और गुजरात में होता है।
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