नई दिल्ली। Google ने शुक्रवार को कहा है कि गूगल पे (Google Pay) भुगतान प्रवाह के बाहर किसी तीसरे पक्ष के साथ ग्राहकों के लेनदेन के आंकड़ों को साझा नहीं करती है। इस तरह की खबरें आई थीं कि कंपनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा है कि एनपीसीआई तथा भुगतान सेवाप्रदाता (पीएसपी) बैंकों की अनुमति से वह ग्राहकों के लेनदेन के आंकड़ों को तीसरी पक्ष के साथ साझा कर सकती है। इन खबरों के बाद गूगल ने यह स्पष्टीकरण दिया है।
गूगल के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि गूगल द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में दिए गए हलफनामे के बाद मीडिया में जो खबरें आई हैं, वे पूर्ण तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। प्रवक्ता ने कहा कि गूगल पे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपरीसीआई) द्वारा जारी एकीकृत भुगतान अंतरपृष्ठ (यूपीआई) प्रक्रियागत दिशानिर्देशों तथा अन्य कानूनों का पूरी तरह अनुपालन करती है।
प्रवक्ता ने कहा कि हम भुगतान प्रवाह के बाहर ग्राहकों के लेनदेन से संबंधित आंकड़े किसी तीसरे पक्ष से साझा नहीं करते हैं। गूगल ने अपना हलफनामा चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जालान की बेंच के सामने पेश किया था। यह हलफनामा उस जनहित याचिका के संबंध में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि गूगल पे डाटा लोकलाइजेशन, स्टोरेज और शेयरिंग के लिए आरबीआई के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करती है और इसलिए इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले पर अब अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी क्योंकि न तो केंद्र सरकार ने और न ही भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में अपना जवाब दायर नहीं किया है।
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