नई दि्ल्ली: वर्ष 1989 में आज ही के दिन 33 वर्षीय सर टिम बर्नर्स ली ने अपने बॉस को 'इन्फॉरमेशन मैनेजमेंट: ए प्रपोजल' सौंपा था। इसे आज दुनिया वर्ल्ड वाइड वेब के नाम से जानती है। गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है, ‘‘आरंभ में बर्नर्स ली ने बहुत सारे कंप्यूटरों के बीच सूचनाएं साझा करने के लिए सीईआरएन (स्विट्जरलैंड में परमाणु भौतिकी की बड़ी प्रयोगशाला) में अपने सहयोगियों की मदद के लिए ‘मेश’ नामक टाइप्ड लिंक के साथ वृहद हाइपरटेक्स डाटाबेस की परिकल्पना की थी।’’
उनके बॉस ने इस प्रपोजल को देखने के बाद कहा था कि यह उतना स्पष्ट तो नहीं है लेकिन रोचक है। टिम के बॉस ने उन्हें एक वर्किंग मॉडल में एचटीएमएल लैंग्वेज, एचटीटीपी एप्लिकेशन लिखने और वर्ल्ड वाइड वेब डॉट एप तथा पेज एडिटर तैयार करने को कहा। इसके बाद 1991 में पहली बार बाहरी वेब सर्वर पर इसे चलाया गया।
कंप्यूटरों के विशाल नेटवर्क से एक साथ जुड़े इंटरनेट से अलग वर्ल्ड वाइड वेब एक ऑनलाइन एप्लिकेशन है, जो एचटीएमएल लैंग्वेज, यूआरएल एड्रेस और हाइपर टेक्सट ट्रांसफर प्रोटोकॉल या एचटीटीपी पर बनता है । वेब ने प्राद्योगिकी को इस्तेमाल करते हुए सूचनाओं को एकसाथ जोड़ दिया और यह हर किसी की पहुंच में आ गया। ब्लॉगपोस्ट में कहा गया है, ‘‘आपका ब्राउजर वर्ल्ड वाइड वेब तक पहुंचने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करता है।’’
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