नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पॉलिसी धारकों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने कहा कि इस साल आने वाले एलआईसी के आईपीओ इश्यू साइज में 10 प्रतिशत हिस्सा इसके पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार एलआईसी में प्रमुख शेयरधारक बनी रहेगी और वह पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा के लिए इसका प्रबंधकीय नियंत्रण अपने पास ही रखेगी।
राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में ठाकुर ने कहा कि वित्त बिल 2021-22 में एलआईसी के लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर्स के पक्ष में प्रतिस्पर्धा के आधार पर आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा गया है, यह इश्यू साइज के 10 प्रतिशत तक हो सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण 2021 में कहा था कि अगले वित्त वर्ष के दौरान लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) पेश किया जाएगा। एलआईसी संशोधन अधिनियम को वित्त बिल का हिस्सा बनाया गया है, ताकि देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी के आईपीओ को लॉन्च करने के लिए आवश्यक कानूनी संशोधनों को अंजाम दिया जा सके। इसके लिए अलग से अधिनियम लाने की आवश्यकता नहीं होगी।
डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट (DIPAM), जो सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी का प्रबंधन करता है, ने एलआईसी का मूल्याकंन करने के लिए एक्चुरियल फर्म मिलीमैन एडवाइजर्स का चयन कर लिया है। Deloitte और SBI Caps को प्री-आईपीओ ट्रांजैक्शन एडवाइजर्स के तौर पर नियुक्त किया गया है।
बजट 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा गया है, यह लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में सरकार को प्राप्त वास्तविक विनिवेश राजस्व 32,000 करोड़ रुपये की तुलना में बहुत ऊंचा है। 1.75 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य में से, 1 लाख करोड़ रुपये का राजस्व सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री से आएगा। 75,000 करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश के जरिये जुटाया जाएगा।
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